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________________ शरीर भी निर्देशों की क्रियान्विति करता है। ये तीनों क्रियान्विति के साधन हैं, ज्ञान के साधन नहीं हैं। ज्ञान-तंत्र चित्त-तंत्र तक समाप्त हो जाता है। भाव-तंत्र लेश्या-तंत्र तक समाप्त हो जाता है। इन दोनों के निर्देशों को क्रियान्वित करने के लिए क्रिया-तंत्र सक्रिय होता है। उसके ये तीन सैनिक हैं-मन, वचन और शरीर। ये तीनों काम करते हैं। मन का काम है-स्मृति करना, कल्पना करना और चिन्तन करना। ये तीनों काम एक अच्छा कम्प्यूटर भी कर सकता है। इस स्थिति में मन और कम्प्यूटर में अन्तर ही क्या है? मुझे लगता है, उनमें कोई अन्तर नहीं है। कुछ लोग यह कहते हैं कि जो काम मन करता है वह काम एक कम्प्यूटर भी कर लेता है, फिर आत्मा का अस्तित्व ही क्या है? उचित प्रश्न है। यदि हम मन को ही वास्तविक मान लें तो फिर आत्मा के अस्तित्व का साधना हमारे लिए सम्भव नहीं होता क्योंकि मन और कम्प्यूटर में कोई विशेष अन्तर दिखाई नहीं देता। इतना-सा अन्तर है कि कम्प्यूटर का निर्माण आदमी के हाथों हुआ है और मन का निर्माण अति सूक्ष्म शरीर ने किया है। वह अति सूक्ष्म शरीर बहुत शक्तिशाली, कुशल कारीगर है कि वह इतने सूक्ष्म पुर्जे बनाने में सक्षम हुआ है। आदमी इतने सूक्ष्म पुर्जे नहीं बना सकता। बस, इतना-सा अन्तर है। कितना उलझन-भरा है हमारा मस्तिष्क, हमारा दिमाग और हमारा मन। आदमी इनका निर्माण करने में सक्षम नहीं है। कई दशकों तक वह इनके निर्माण की कल्पना भी नहीं कर सकता। वह मस्तिष्क जैसे जटिल और सूक्ष्म यंत्र का निर्माण नहीं कर सकता। कम्प्यूटर स्मृति कर लेता है। सारी बातें आपको याद दिला देता है। आप कहीं भूल करते हैं तो आपको सावधान भी कर देता है। गणित के प्रश्न हल कर देता है। कविता भी कर लेता है। बात सोच लेता है और निष्कर्ष भी निकाल लेता है। निष्कर्ष बता देता है और भविष्य की योजना, कल्पना भी समझा देता है। जो तीन क्रियाएं मस्तिष्क करता है, वे तीनों क्रियाएं कम्प्यूटर भी कर लेता है। इस स्थिति में हम मन को बहुत महत्त्व देकर चलते हैं फिर भी मन के आधार पर आत्मा को स्थापित नहीं २२ आभामंडल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003062
Book TitleAbhamandal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2004
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size11 MB
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