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________________ की खोज की होगी । यह कितनी बड़ी भ्रान्ति होगी । 1 सामान्य मनुष्य मान लेता है कि संभोग समाधि का साधन है संभोग में जाने से समाधि प्राप्त होती है । फिर ध्यान शिविरों में क्यों जाएं? क्यों ध्यान करें? अपने आप जो घटना घटित होती है उसके लिए इतना प्रयत्न करें? यह एक भटकाव है। ध्यान और समाधि के नाम से आप इसमें न भटकें, भ्रान्त न बनें। नाम- साम्य हो सकता है T वह भी समाधि, यह भी समाधि । वह भी ध्यान, यह भी ध्यान । नाम की समानता से न भटकें । संस्कृत शब्दकोश में जितने नाम धतूरे के हैं उतने ही नाम स्वर्ण के हैं । धतूरे और स्वर्ण के नाम एक हैं। जो शब्द धतूरे का वाचक है, वही शब्द स्वर्ण का वाचक है । 'नामसाम्याद् हि चित्तं धतूरोऽपि मदप्रदः - नाम की समानता के कारण स्वर्ण जैसे आदमी में मद पैदा करता है, वैसे ही धतूरा भी मद पैदा करता है । हम नाम के चक्कर में न पड़ें, वास्तविकता को समझें । इतना मानने में कोई बाधा नहीं कि संभोग से प्राप्त सुख की अनुभूति ने मनुष्य को उत्प्रेरित किया हो कि इससे भी कोई दूसरा आनन्द या सुख होना चाहिए, जो इससे ऊंचा हो । तर्कशास्त्र का एक सूत्र है । मनुष्य ने पत्थर को जाना। उसका तर्क आगे आया। उसने सोचा - एक पत्थर को जान सकता हूं तो समूची खदान को जान सकता हूं। एक आदमी को जान सकता हूं तो समूचे प्राणी जगत् को जान सकता हूं। तर्क जब और आगे बढ़ता है और उसका अन्तिम बिन्दु यह प्राप्त होता है कि जब मैं एक को जान सकता हूं तो सबको जान सकता हूं। एक पत्थर सर्वज्ञता के सिद्धान्त का उत्प्रेरक बन सकता है। एक पत्थर का बोध, एक पत्थर का ज्ञान, एक परमाणु का ज्ञान समूचे जगत् के ज्ञान का, सर्वज्ञता के ज्ञान का प्रेरक बन सकता है । जो एक को जान सकता है, वह सबको जान सकता है । जिसने संभोग के क्षणिक सुख का अनुभव किया है, उसके मन में यह विकल्प उठ सकता है कि यह सुख है तो और भी सुख होना चाहिए। खाने-पीने के पदार्थों से सुख मिल सकता है । सुगन्ध से भी सुख मिल सकता है। तर्क आगे बढ़ता जाता है। इसमें भी सुख है, आभामण्डल और शक्ति - जागरण ( २ ) १६३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003062
Book TitleAbhamandal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2004
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size11 MB
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