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________________ अहिंसा और अणुव्रतः सिद्धान्त और प्रयोग एक आदमी बहुत चिड़चिड़ा है। चिड़चिड़ा क्यों है, इसकी खोज करने पर पता लगता है कि उसमें विटामिन "ए" की कमी है। प्रति सौ क्यूबिक सेंटीमीटर में चीनी की मात्रा 90 से 110 मिलिग्राम होनी चाहिए। इतनी आवश्यक होती है । जिसमें इससे कम चीनी होती है, उसके शरीर पर असर आ जाता है यदि अधिक कम होती है तो भावनात्मक असर आता है। उसका स्वभाव बिगड़ जाता है। यहां तक कि वह वह आदमी हत्यारा बन जाता है । 1 आदमी हत्यारा क्यों बनता है ? एक महिला बैठी थी । एक व्यक्ति आया, उस पर गोली चलाई। वह मर गई। व्यक्ति पकड़ा गया। जज ने पूछा- महिला को क्यों मारा ? वह बोला- मुझे पता नहीं है कि मैंने महिला की हत्या क्यों की ? उस महिला को देखते ही मन में इच्छा जागी कि इसे मार डालना चाहिए। मैंने अपनी इच्छा की पूर्ति कर दी। उस व्यक्ति की डाक्टरी जांच हुई। डाक्टर ने जांच में पाया कि उस व्यक्ति की रक्तधारा में चीनी की बेहद कमी थी। इसका निष्कर्ष निकाला गया कि चीनी की अधिकतम कमी के कारण उस व्यक्ति के मन में हत्या की बात पैदा हुई । दूसरा कोई कारण नहीं था । 26 आज की खोज के संदर्भ में यह नई बात सामने आती है। शरीर में चीनी की, नाईटिन की या विटामिन की कमी होती है तो आदमी हत्यारा, चिड़चिड़ा बन जाता है। अनेक आदमी निराशा से ग्रस्त हो जाते हैं। यह रसायनों की कमी के कारण होता है। आदमी डरता है । वह निरन्तर भयग्रस्त रहता है । भय लगने के अनेक कारण हो सकते हैं। उनके एक कारण है- विटामिन "बी" की कमी। इस प्रकार अनेक रसायन भय, अवसाद, हत्या आदि वृत्तियों को पैदा करने वाले होते हैं । मूड क्यों बिगड़ता है आजकल एक विशेष रसायन पर बहुत खोज हो रही है । वह है 'ट्रिप्टोफेन' । यह सेराटोनिन का निर्माण करता है। आदमी का मूड बिगड़ता है। इसका मूल कारण है ट्रिप्टोफेन | (TRYPTOPHAN) की कमी या सेराटोनिन (SERATONIN) की कमी । यदि यह तत्त्व पर्याप्त मात्रा में होता है तो न मूड बिगड़ता है, न भय लगता है। इससे पीड़ा सहन करने की क्षमता भी बढ़ती है। आज हल्की सी पीड़ा को सहना भी कठिन होता है। आदमी तत्काल डाक्टर की शरण में जाता है, मानो वह सहना भूल ही गया हो। यह बड़ी समस्या है। यदि ट्रिप्टोफेन और सेराटोनिन की मात्रा पर्याप्त रूप में होती है तो सहन करने की क्षमता बढ़ती है, पीड़ा को सहने की शक्ति बढ़ती है। आजकल मांसाहार बहुत प्रचलित है। मांसाहार के विषय में एक तर्क सामने आता है कि मांस और अण्डे में प्रोटीन बहुत होता है। इस प्रोटीन की अधिक मात्रा ने मनुष्य को अधिक बीमार बनाया है, उसके मानसिक सन्तुलन को बिगाड़ा है। उसे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003061
Book TitleAhimsa aur Anuvrat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSukhlalmuni, Anand Prakash Tripathi
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2007
Total Pages262
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size12 MB
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