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________________ 186 ग्रन्थि - तन्त्र पर प्रभाव योगमुद्रा से एड्रिनल और गोनाड्स प्रभावित होते हैं । पद्मासन के साथ बद्ध - पद्मासन की मुद्रा से रक्त संचार व्यवस्थित होने लगता है। एड्रिनल व गोनाड्स के हार्मोन्स संतुलित होते हैं जिससे संवेगों पर नियन्त्रण की क्षमता का विकास होता है। दर्शन केन्द्र पर ध्यान केन्द्रित होने से अन्तरर्दृष्टि के जागरण का अवसर उपलब्ध होता है । नाड़ी तन्त्र एवं पेट के विभिन्न अवयव स्वस्थ और शक्तिशाली बनते हैं। क्रोध की उपशान्ति के लिए योगमुद्रा उपयोगी है। लाभ अहिंसा और अणुव्रतः सिद्धान्त और प्रयोग पद्मासन में उल्लिखित लाभ इन आसनों से सहज उपलब्ध होते हैं । इनसे उदर - दोष की निवृत्ति, मेरुदण्ड की स्वस्थता, स्मरण शक्ति का विकास होता है । मुख एवं मस्तिष्क के स्नायुओं की शक्ति विकसित होती है। मधुमेह, कब्ज, मंदाग्नि और कृमि विकास दूर होते हैं। कन्धे, हाथ एवं पैरों के जोड़ों के दोष दूर होते हैं । बद्धपद्मासन और योग मुद्रा साधना को विकसित करने वाले महत्वपूर्ण आसन हैं। 5. पश्चिमोत्तानासन हथेलियों को घुटनों पर रखकर पैरों को सम्मुख समरेखा में सीधे फैलाएं। दोनों हाथों को ऊपर आकाश की ओर उठाते हुए पूरक करें। रेचक करते हुए हाथों की अंगुलियों च पांव के अंगुष्ठक को पकड़ें। दाहिने घुटने पर नाक का स्पर्श करें। पूरक करते हुए, गर्दन को ऊपर उठाकर सीधे ठहरें । रेचक करते हुए दोनों घुटनों के मध्य नाक स्पर्श करें। इस प्रकार दाएं-बाएं और मध्य तीन बार में पश्चिमोत्तानासन का क्रम सम्पन्न होता है। सहज श्वास की क्रिया में लम्बे समय तक भी पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास किया जा सकता है। लाभ- उदर- -शुद्धि, मेरुदण्ड लचीला, पेट का मोटापा कम होता है रंगण - बाव, कोष्ठबद्धता, मधुमेह, स्वप्न-दोष आदि रोग दूर होते हैं । सावधानी - साइटिका, दीर्घकालिक जोड़ों के दर्द वाले रोगी इस आसन को न करें । 6. गोदुहासन गाय का दोहन करते समय शरीर के अंगों की जो आकृति बनती है वही आकृति इस आसन में बनने से इसे गोदुहासन कहा गया है । भारतवर्ष एक कृषि For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.003061
Book TitleAhimsa aur Anuvrat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSukhlalmuni, Anand Prakash Tripathi
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2007
Total Pages262
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size12 MB
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