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________________ आत्मतुला की अनुप्रेक्षा 219-224 प्रयोग-विधि; स्वाध्याय और मनन - तराजू के दो पल्ले, अभय का अवदान; महत्त्वपूर्ण स्वीकृति; क्रूरता की पृष्ठभूमि जटिल है लोभ की वृत्ति; क्या करुणा जागेगी ?; कहाँ है दिल और दिमाग ? ; कल्पना - सूत्र; शोषणपरिहार का सिद्धांत | 224-227 अहिंसा अणुव्रत की अनुप्रेक्षा प्रयोग-विधि; स्वाध्याय और मनन - अहिंसा की सम्भावना; अहिंसा का पराक्रम । सत्य की अनुप्रेक्षा : अचौर्य की अनुप्रेक्षा 227-233 प्रयोग - विधि; स्वाध्याय और मनन - सत्य क्या है ? ; सत्य का उद्घाटन; सत्य का अणुव्रत; स्वाध्याय और मनन - अचौर्य की दिशा; अप्रामाणिकता का उत्स; प्रामाणिकता का आचरण । 233-237 प्रयोग - विधि; स्वाध्याय और मनन - ब्रह्मचर्य का महत्त्व; ब्रह्मचर्य की शक्ति । ब्रह्मचर्य - अणुव्रत की अनुप्रेक्षा अपरिग्रह अणुव्रत की अनुप्रेक्षा 237-241 प्रयोग - विधि; स्वाध्याय और मनन - अपरिग्रह और विसर्जन; परिग्रह का मूल; अपरिग्रह-चेतना का विकास । 4. रंगों का ध्यान Jain Education International (ix) For Private & Personal Use Only 241 www.jainelibrary.org
SR No.003061
Book TitleAhimsa aur Anuvrat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSukhlalmuni, Anand Prakash Tripathi
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2007
Total Pages262
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size12 MB
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