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3. भावनात्मक स्वास्थ्य
91-99 -युवाचार्य महाप्रज्ञ (अहिंसा के अछुते पहलू, पृ. 108) स्वभाव-निर्माण की प्रक्रिया, सामायिक : स्वभाव निर्माण का संकल्प, संवेग से जुड़ा है व्यवहार, पाचन क्रिया और स्वभाव, स्वभाव और अन्त:स्रावी ग्रंथियाँ, स्वभाव और अंतर्द्वन्द्व निवृत्ति, स्वभाव एक पर्याय है, संकल्प स्वभाव परिवर्तन का, सबसे ज्यादा मूल्यवान् भावनात्मक
स्वास्थ्य। 4. अहिंसा और शांति ।
99-102 -युवाचार्य महाप्रज्ञ (अहिंसा और शांति, पृ. 77) प्रश्न है अहिंसा की प्रतिष्ठा का, हिंसा : कारणों की खोज, अहिंसक
संस्थाओं का अपना मंच हो, अहिंसा की सफलता के सूत्र। 5. मस्तिष्क नियंत्रण और जैविक घड़ी
102-104 -युवाचार्य महाप्रज्ञ (अहिंसा और शांति, पृ. 108)
5. अणुव्रत का स्वरूप
___105-124 -युवाचार्य महाप्रज्ञ (अणुव्रत दर्शन, पृ. 13) 1. अणुव्रत-दर्शन
105-107 व्रत अणु क्यों ?, व्रत और समाज-कल्याण, अणुव्रत नया तत्त्व है या
प्राचीन? 2. व्रतों की भाषा और भावना
108-115 -आचार्य तुलसी (अणुव्रत के आलोक में, पृ. 39) 3. व्रत और अप्रमाद के संस्कार, व्रत का आधार 4. अणुव्रत रचनात्मक है या निषेधात्मक
115-119 5. प्रतिरोधात्मक शक्ति
119-121 -युवाचार्य महाप्रज्ञ (अणुव्रत-दर्शन, पृ. 27) 6. अणुव्रत की प्रेरणा
121-122 -युवाचार्य महाप्रज्ञ (अणुव्रत-दर्शन, पृ. 37)
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