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________________ श्रमण परम्परा को एकसूत्रता और उसके हेतु श्लोक इस प्रकार है ऋणमस्मिन् सनयत्यमृतत्वं च गच्छति । पिता पुत्रस्य जातस्य पश्येच्वेज्जीवतोमुखम् ॥ -अगर पिता जीते हुए पुत्र का मुख देख ले तो उसका ऋण छूट जाता है और वह अमर हो जाता है।' उक्त उद्धरणों से यह स्पष्ट है कि श्रमण-परम्परा में संन्यास की प्रधानता रही है और वैदिक-परम्परा में पुत्र उत्पन्न करने की। उस स्थिति में इस उपनिषद् का यह वाक्य - तत्पूर्वे विद्वांसः प्रजां न कामयंते'---बहुत ही अर्थ-सूचक है। जैन दर्शन का संन्यास नितान्त आत्मवाद पर आधारित है। आचार की आराधना वही कर पाता है, जो आत्मवादी, - लोकवादी, कर्मवादी और क्रियावादी होता है। आत्म-जिज्ञासा के बिना संन्यास का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। इस धारणा के आलोक में हम सहज ही यह देख पाते हैं कि आत्म-जिज्ञासा पर आधारित संन्यास (जिसका संकेत बृहदारण्यक उपनिषद् देता है) श्रमणों की दीर्घकालीन परम्परा है। भगवान् पार्श्व के समय श्रमण संघ बहुत सुसंगठित या। उपनिषद् का रचनाकाल उनसे पहले नहीं जाता। भगवान् पार्श्व का अस्तित्व-काल ई० पू० दसवीं शताब्दी है' और उपनिषदों का रचना-काल प्रायः ई० पूर्व १. ऐतरेय ब्राह्मण, ७ वीं पंचिका, अध्याय ३ । २. आचारांग, ११११११५ । ३. भगवान् महावीर का निर्वाण-काल ई० पू० ५२८ में हुआ था । भगवान् महावीर का जीवन-काल ७२ वर्ष था। (देखि ए---जैन साहित्य और इतिहास पर विशद प्रकाश, पृ० २६) : भगवान् पार्श्व भगवान् महावीर से २५० वर्ष पहले हुए थे। पासजिणाओ य होइ वीरजिणो । अट्ठाइज्जसएहिं गएहिं चरिमो समुप्पन्नो ॥ उनका १०० वर्ष का जीवन-काल था। इस प्रकार भगवान् पार्श्व का अस्तित्वकाल ई० पू० दसवीं शताब्दी होता है। आचार्य गुणभद्र के अनुसार भगवान् पार्श्व के निर्वाण के २५० वर्ष बाद भगवान् महावीर का निर्वाण हुआ था----- पार्वेशतीर्थे सन्ताने, पंचाश द्विशताब्दके । तदभ्यन्तरवायुर्म हावीरोऽत्र जातवान् ।। -----महापुराण (उत्तरपुराण), पर्व ७४, पृ० ४६२ । अर्थात् श्री पार्श्वनाथ तीर्थङ्कर के बाद दो सौ पचास वर्ष बीत जाने पर श्री Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003060
Book TitleSanskruti ke Do Pravah
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages274
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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