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________________ नमस्कार महामंत्र : प्रयोग और सिद्धि पौष का समय शारीरिक वृद्धि के लिए होता है और लोग अकसर शरीर पर बहुत ध्यान देते हैं। वे शरीर को स्वस्थ रखना चाहते हैं पुष्ट रखना चाहते हैं, मांसल बनाना चाहते हैं। वह सुन्दर दीखे, यही कामना रहती है। इस भ्रम को तोड़ना है। ___मैं यह नहीं कहना चाहता कि शरीर स्वस्थ न हो या शरीर सुन्दर न हो । पर हमारा ध्यान केवल शरीर के सौन्दर्य पर, शरीर के स्वास्थ्य पर ही केन्द्रित हो जाता है तो हम बहुत बड़ी उपलब्धि से वंचित रह जाते हैं । वास्तव में सौन्दर्य होना चाहिए मस्ष्तिक का। जिसका मस्तिष्क सुन्दर है, वह सुन्दर होता है और जिसका मस्तिष्क सुन्दर नहीं होता, वह भद्दा है। फिर चाहे वह दीखने में कितना ही गोरा हो या कितना ही सुगठित हो, पुढे कितने ही मजबूत हों। सारी शक्तियों का जो मूल स्रोत है, वह है मस्तिष्क । मस्तिष्क से सारा कंट्रोल होता है। जब मस्तिष्क के सेल्स लड़खड़ा जाते हैं तो जीवन की सारी यात्रा लड़खड़ा जाती है। आवश्यक है मस्तिष्क को स्वस्थ और सुन्दर रखना । जिस व्यक्ति ने अपनी शक्ति को, चाहे सर्दी का समय हो, चाहे गर्मी का समय हो, मस्तिष्क के सौन्दर्य को बढ़ाने के लिए और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए लगाई है, वह वास्तव में समझदार आदमी है । ____ स्वास्थ्य जरूरी होता है । एक व्यक्ति को देखा, उसका शरीर कांप रहा है, न पर टिकते हैं, न हाथ टिकता है और न कंधे टिकते हैं। इसका क्या कारण बना ? जो शरीर का संतुलन रखने वाला, हमारी कनपटियों के पास केन्द्र है, उसमें गड़बड़ी हो गई और सारा शरीर लड़खड़ा गया। उससे सारा शरीर लड़खड़ा जाता है, पूरा व्यक्तित्व लड़खड़ा जाता है। हम ऐसा उपाय करें, जिससे कि मस्तिष्क स्वस्थ रहे । मस्तिष्क स्वस्थ रहेगा तो शरीर अपने आप स्वस्थ रहेगा । शरीर का स्वास्थ्य और मन का स्वास्थ्य-दोनों जुड़े हैं । इन्हें अलग करना बहुत कठिन काम है। आपको ज्ञात है कि बहुत सारी बीमारियां शरीर की बीमारियां नहीं होतीं, मन की Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003058
Book TitleEkla Chalo Re
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherTulsi Adhyatma Nidam Prakashan
Publication Year1985
Total Pages320
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size14 MB
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