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एकला चलो रे
हमारा सम्यक्
नहीं हो सकता । कार्य की सफलता के लिए तीसरा सूत्र है पुरुषार्थ हो । पुरुषार्थ हो और सम्यक् हो । ये तीनों बातें जब मिलती हैं तो सफलता में हमें कोई सन्देह नहीं होता ।
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