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आसीस
कवी' र कविता
अकास में इन्दरधनुष ताण्यो कोनी जावै, त है । रोही मैं सिंह बाड्यो कोनी जावै सिंहणी जण है । कवि कोइ भाटो थोडोइ है जको घड' र बिठाद्यो, कविता बणाई कोनी जावै बा तो आपेइ बणे है ॥
सूरज नै उगावै कुण है ? टेमोटेम अपण आप ऊगे है, पंखी नै चुगावै कुण है ? भूख लाग्या आपेइ चुगे है । कवि तो तिलोकी को स्रष्टा द्रष्टा हुयां करै है, बीने पुगावै कुण है ? बो तो कल्पानावांडं पूगे है ।
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