________________
रावतमलजी स्वामी की स्मृति में
सोरठा
साताकारी सन्त, समझदार स्थाणो सुघड़ | मुनिरावत मतिमन्त, साचो सेवक संघ रो ॥ १ ॥
गण-गणपति रा गीत, गौरव स्यूं गातो गुणी । निश्छल निर्मल नीत, निरतिचार निर्भय निपुण || २ ||
संयम मै सानन्द सावधान 'चम्पक' सजग | (अब) राखीजे जयचन्द !, रावत मुनि री रीन तूं ॥३॥
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
यादगारां १५७
www.jainelibrary.org