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________________ सिर-दर्द छोटी सीसी मै भरो, पीस हींग बारीक । सूंघाओ सिर-दर्द झट, होसी सन्तां ! ठीक ।।५।। सूखा तुलसी-पत्र ल्या, पीस छांण द्यो नास । पांच मिनट मैं सिर-दरद, मिटै करो विश्वास ॥५१।। बे-हिसाब माथो दुखै (तो) पीपल जल में पीस । छांण नाक मैं बूंद दो सूंघो, ऊठ चीस ॥५२॥ झलझलाट लागै घणो (पण) पीड़ा करसी कूच । चम्पा अजमाइश सुदा, मणि-मुनि नै ल्यो पूछ ।।५३।। सात विदामा एकमिर, इक इलायची घोट । सिता मिला चाट्यां मिट, सिर की शूल सचोट ॥५४॥ मधु-मेह रस गिलोय चम्मच भर्यो, चमच्यो शहत मिलाय । चाटै रोजीनां सुबह, (तो) सब प्रमेह मिट ज्याय ॥५५॥ शहद आंवला-रस हलद, कर समभाग प्रयोग । चम्मच भर दोन्यूं वगत, मिटै प्रमेयज-रोग ॥५६॥ सत गिलोय, आंवला, हलद सम चम्मच भर फाक । जल स्यूं गिट, भोजन करै शूगर मिटै सटाक ॥५७।। 'चम्पा' ! चोआनी भरी लै बूंटी गुडमार।। स्वरस करेलै रो मिला (तो) शुगर समुद्रां-पार ॥५८।। सांधां रो दरद (गठिया-वात) चीड़ भेड रो बीस ग्राम ले सुबह बीस ही सिंज्या । सात दिनां से सांधा खुलज्या 'चम्पक' धीज पतीज्या ॥५॥ १५० आसीस Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003057
Book TitleAasis
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChampalalmuni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1988
Total Pages372
LanguageMaravadi, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size10 MB
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