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सोलह सतियां (क्रमशः)
रामायण छन्द
ब्राह्मी' और सुन्दरी' कौशल्याजी' सीता' राजमती । कुन्ती' द्रुपद-सुता चन्दनबाला महारानी मृगावती । चतुर-चेलना प्रभावती' दीपती-सुभद्रा'२ दमयन्ती"। सुलसा" शिवा५ सोलवीं पद्मावती" सती शुभ जयवन्ती ॥१॥
चतुवशिति-स्तव (लोगस्स) के आधार पर
पैंसठियो यन्त्र
दोहा
श्री नेमी संभव' सुविधि, धर्म५ शान्ति स्वयमेव । अनन्त" मुनि सुव्रत नमी", अजित' चन्द्रप्रभ देव ॥१॥ ऋषभ' सुपारस विमल" मलि", पुष्प५ अंक पच्चीस । अरह वीर सुमति पदम', वासुपुज्य जगदीश ॥२॥ श्री शीतल' श्रेयांस" जिन, कुन्थु" पाम भव-सेतु । अभिनन्दन वन्दन कर, 'चंपक' मंगल हेतु ॥३॥
१३८ आसीस
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