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चित्त और मन
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नहीं ले जाती। जब तक हम रूपान्तरण के स्तर पर नहीं जागते तब तक नियंत्रण हो सकता है, शोधन नहीं । जब तक शोधन नहीं होगा तब तक नियंत्रण की बात सामने आती रहेगी, रूपान्तरण नहीं होगा । रूपान्तरण के बाद नियंत्रण समाप्त हो जाता है क्योंकि रूपान्तिरत व्यक्ति के लिए नियंत्रण की जरूरत नहीं होती । जो व्यक्ति शुक्ल-लेश्या में, पद्म-लेश्या में और तेजोलेश्या में पहुंच जाता है, उस व्यक्ति के लिए नियंत्रण की बात बहुत कम आवश्यक होती है । जो व्यक्ति वीतराग बन गया, उसके लिए नियंत्रण की जरूरत ही नहीं होती । जो व्यक्ति अप्रमत्त अवस्था में चला जाता है, उसके लिए नियंत्रण किस काम का ! जब तक लेश्या के द्वारा अपने व्यक्तित्व का रूपान्तरण नहीं हो जाता, तब तक नियंत्रण को नहीं छोड़ा जा सकता। ये दोनों सीमाएं हैं और इन दोनों सीमाओं को हमें बहुत ही स्पष्टता से समझ लेना है ।
स्नायविक प्रेरणाएं
क्रिया स्थूल है। विचार उससे सूक्ष्म है और भाव उससे भी सूक्ष्म । क्रिया और विचार — दोनों स्नायविक प्रेरणाएं हैं । स्नायविक बिन्दु के जगत् में बहुत धोखा दिया जा सकता है और व्यक्ति को पहचानने में बहुत बड़ा धोखा हो सकता है । कोई व्यक्ति बहुत क्रूर होता है किन्तु दूसरे से मिलने में इतना विनम्र व्यवहार करता है कि व्यक्ति छलना में आ जाता है, धोखे में आ जाता है । व्यावसायिक जगत् में न जाने इस प्रकार के कितने धोखे चलते हैं । मायावी व्यक्ति अपने आपको इतना मिलनसार, इतना विनम्र और इतना स्वार्थ से ऊपर उठा हुआ प्रदर्शित करता है किन्तु जब उसका अन्तरंग स्वरूप सामने आता है तब दोनों स्वरूपों में कोई सामंजस्य ही नजर नहीं आता । दोनों एक दूसरे से अत्यन्त विपरीत । इसीलिए व्यक्तित्व के पहचान की कसौटी यह मानस-जगत् और व्यवहार जगत् नहीं है किन्तु भाव-जगत् है, जहां कोई धोखा नहीं हो सकता । जो जैसा है, वैसा रूप ही वहां मिलेगा |
लेश्या से जुड़ा प्रश्न
शान्ति और अशान्ति का प्रश्न लेश्याओं से जुड़ा हुआ है । यह कृष्ण
लेश्या और शुक्ल - लेश्या का प्रश्न है । यह पद्म लेश्या और नील- लेश्या का प्रश्न है । यह तेजोलेश्या और कापोत- लेश्या का प्रश्न है । यदि हम लेश्याओं के मर्म को समझ लेते हैं तो प्रश्न स्वयं समाहित हो जाते हैं । हमारा दृष्टिकोण इतना बहिर्मुखी हो गया है कि हम मनुष्य का मूल्यांकन केवल पदार्थ के आधार पर करते हैं और केवल पदार्थ को ही धन या लक्ष्मी मानते हैं । मूल्यांकन का दृष्टिकोण बदलना चाहिए ।
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