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पावस-प्रवास
चा० सं० अग्रगण्य नाम (दी० ऋ०) गांवठाणा सहयोगी मुनि १९५६ साध्वीश्री सिरेकंवरजी (४५६) चान्दारूण २३ १९६० ॥ नानूजी 'छोटा' (४६६) पचपदरा २१ १९६१ , जड़ावांजी (४८७) बोरावड़ २३ १९६२ आचार्यश्री डालगणी उज्जैन संत २५ साध्वी-प्रमुखा जेठांजी आदि
१९६३ साध्वीश्री कानकंवरजी (५४१) श्रीडूंगरगढ़ २३ १९६४ , लिछमांजी (४६४) सुजानगढ़ १६ १९६५ आचार्यश्री डालगणी उज्जैन संत ३४ साध्वी-प्रमुखा जेठांजी आदि
१९६६
,
संत ३५ साध्वी-प्रमुखा जेठांजी आदि
१९६७ साध्वीश्री सुन्दरजी (४३२) बीकानेर
१६ १९६८ , जुहारांजी (५१९) फलौदी १९ १९६६ , सुवटांजी (५८४) राजलदेसर १६ १९७० आचार्यश्री कालूगणी छापर संत १७ साध्वी-प्रमुखा जेठांजी आदि
१९७१ साध्वीश्री छगनांजी (५७५) रासीसर १९७२ , लिछमांजी (६३७) मोमासर २० १९७३ , लादूजी (६३२) सरदारशहर १९७४ , लाडांजी (६१०) लाडनूं १९७५ , चांदाजी 'बड़ा' (५३७)
सरदारशहर १६ १. इस वर्ष वृद्ध साध्वियों की सेवा में साध्वीश्री नन्दूजी (४६६) 'मेरपुर' का सिंघाड़ा
था। २. इस वर्ष वृद्ध साध्वियों की सेवा में साध्वीश्री हस्तूजी (३६२) 'मोखणुंदा' का सिंघाड़ा
था। ३. इस वर्ष वृद्ध साध्वियों की सेवा में साध्वीश्री तीजांजी (४३०) 'छोटी खाटू' का
सिंघाड़ा था। ४. इस वर्ष वृद्ध साध्वियों की सेवा में साध्वीश्री रत्नांजी (६२४) 'सुजानगढ़' का सिंघाड़ा था।
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