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लाडनूं
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चा० सं० अग्रगण्य नाम (दी० ऋ०) गांव ठाणा सहयोगी मुनि १९३४ आचार्यश्री जीतमलजी रोयट संत २२ साध्वी-प्रमुखा गुलाबांजी
आदि ५६ । १९३५ साध्वीश्री गोमांजी (१६०) देवगढ़
१४ १९३६ खेमांजी (२८४) बेमाली १९३७ , सिरदारांजी (२४७) बडू १४ १६३८ , मिरघांजी (३१६) लाडनूं १६३६ , गोरखांजी (३५६) फलौदी। १९४० , भूरांजी (३७८) - लाडनूं १९४१ अप्राप्त १९४२ साध्वीश्री किस्तूरांजी (२२७) मांडा १९४३ , बख्तावरजी (३२६) गंगापुर १७ १९४४ , केशरजी (३१४) मांडा १६४५ अप्राप्त १९४६ आचार्यश्री मघवागणी बीदासर संत २३ साध्वी-प्रमुखा नवलांजी
आदि ५४ ।' १९४७ साध्वीश्री किस्तूरांजी (३३२) पोटला १९४८ , मखतुलांजी (३८५) लाडनूं १९४६ , चांदांजी (३६४) लाडनूं। १९५० चोथांजी (४१७) तारानगर १६५१ ॥ नानूजी (४२२) खींचन । १९५२ , इमरतांजी (३७०) पदरोडा १९५३ चौथांजी (५६३) बीकानेर १९५४ , सिरेकवरजी (४५६) चांदारूण १९५५ आचार्यश्री डालगणी उज्जैन संत २३ साध्वी-प्रमुखा जेठांजी आदि
१६५६ साध्वीश्री गंगाजी (४४४) मांडा १७ १९५७ , रायकंवरजी 'बड़ा' (३२८) चितामा १६ १९५८ , चांदाजी (३८७) बीदासर १७ १. इस वर्ष वृद्ध साध्वियों की सेवा में साध्वीश्री रायकंवरजी (४४८) 'छोटा' ‘खींचन
का सिंघाड़ा था।
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