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________________ ३४७ २०३१ लाछुड़ा-लाडनूं चा० सं० अग्रगण्य नाम (दी० ऋ०) गांव ठाणा सहयोगी मुनि २००६ साध्वीश्री रायकंवरजी (९४५) रतनगढ़ २०१० , मोहनांजी (९४१) डीडवाना २०१२ , सुखदेवांजी (७८४) राजलदेसर २०१३ मुनिश्री भोमराजजी (४१४) गंगाशहर ३ चंदनमलजी (लुहारी) गणेशमलजी (लाछुड़ा) २०१४ , जयचंदलालजी (४२५) सुजानगढ़ २ हर्षलालजी (लाछुड़ा) २०१६ साध्वीश्री पानकंवरजी (९७४) शार्दूलपुर ४ २०१६ मुनिश्री गुणचंदलालजी (४५४) पचपदरा २ हर्षलालजी (लाछुड़ा) २०२२ साध्वीश्री पिस्तांजी (८७२) ऊमरा ५ २०२४ , सोहनांजी (९७७) लाडनूं ५ २०२७ , रायकुमारीजी (११५६) सुजानगढ़ ४ २०२१ मनोहरांजी (८१४) सरदारशहर ५ अणचांजी (७७०) श्रीडूंगरगढ़ ५ २०३३ चांदकुमारीजी (८४१) मोमासर ४ २०३५ भीखांजी (१०३०) सरदारशहर ४ २०३७ रूपकुमारीजी (९६४) लाडनूं ४ २०३६ , संतोकांजी (९६०) राजगढ़ ५ २०४१ , सुबोधकुमारीजी (१२५५) बीदासर ५ लाडनूं (राज. जोधपुर संभाग) १८७६ मुनिश्री स्वरूपचंदजी (६२) रोयट ५ १८८८ साध्वीश्री चक्रूजी 'बड़ा' (६५) बाजोली १८६२ मुनिश्री जीतमलजी (६४) रोयट १८६४ , हेमराजजी (३६) सिरियारी १८९५ युवाचार्यश्री जीतमलजी रोयट ७ मुनिश्री स्वरूपचन्दजी आदि १८९७ साध्वीश्री दीपांजी (६०) जोजावर १८९८ आचार्यश्री रायचंदजी रावलिया मुनिश्री स्वरूपचंदजी आदि साधु तथा साध्वियां भी साथ थीं। १६०० युवाचार्यश्री जीतमलजी रोयट १६०३ मुनिश्री स्वरूपचंदजी (६२) रोयट Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003055
Book TitleTerapanth Pavas Pravas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNavratnamalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1986
Total Pages542
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size16 MB
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