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________________ जो सहता है, वही रहता है मकान माना जाता है। जिस मकान में चालीस से अधिक कमरे होते हैं, उसे विशाल महल माना जाता है, किन्तु हमारे मस्तिष्क में जितने प्रकोष्ठ हैं, उतने किसी मकान में नहीं हैं। बहुत बड़े कॉलेज, सचिवालय और विश्वविद्यालय में भी उतने कमरे नहीं हैं, जितने प्रकोष्ठ हमारे मस्तिष्क में हैं। ____कार्यकर्ता के प्रशिक्षण का पहला बिंदु है-स्वार्थ का जो कोष्ठ खुला है, उसे बंद कर दें। परार्थ और परमार्थ का जो कोष्ठ बंद पड़ा है, उसे खोल दें। आज स्वार्थ का दरवाजा इतना चौड़ा हो गया है कि उसे पूरा बंद करना बहुत कठिन है, किन्तु यदि वह दरवाजा थोड़ा संकीर्ण हो जाए, परार्थ का दरवाजा कुछ उद्घाटित हो जाए, तो मनुष्य में परार्थ और परमार्थ की चेतना को जगाया जा सकता है। यही प्रशिक्षण का प्रथम बिंदु है। समाज में संवेदनशीलता प्रशिक्षण का दूसरा बिंदु है संवेदनशीलता का विकास। समाज का अर्थ है संवेदनशीलता। यह एक ऐसा धागा है, जो समाज को बनाए रखता है, एकता के सूत्र में बाँधे रखता है। दूसरे की कठिनाई को अपना मानना, समस्या और उलझन को अपना मानना, यह संवेदनशीलता ही है। यह कठिनाई पड़ोसी की नहीं, मेरी है और इसका समाधान मुझे ही करना है। यदि ऐसी संवेदनशीलता जाग जाए, तो समाज का उत्थान होने के साथ ही अलगाव की भावना समाप्त हो जाएगी। __ यदि व्यक्ति यह सोचने लगे कि समाज से मुझे क्या लेना-देना है? समाज का काम समाज जाने, तो समाज कभी बनता ही नहीं। समाज के साथ समन्वय से संवेदनशीलता प्रखर होती है। अनेक लोग प्रार्थना करते हैं, पूजा करते हैं, किन्तु बहुत कम लोग अपने इष्ट के साथ एकाकार हो पाते हैं। स्वभाव और सहनशीलता प्रशिक्षण का तीसरा बिंदु है-सहनशीलता का विकास । कार्य-कौशल का बहुत बड़ा अंग है सहनशीलता। जो व्यक्ति सार्वजनिक क्षेत्र में काम करेगा, उसे बहुत कुछ सुनना पड़ेगा। एक गृहस्थ को ही नहीं, साधु को भी सुनना और सहन करना होता है। साधु भी तो कार्यकर्ता ही है। जिसने अपना स्वार्थ छोड़ा है, जो दूसरों के कल्याण में कार्यरत है, वह साधु भी कार्यकर्ता ही है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003054
Book TitleJo Sahta Hai Wahi Rahita Hai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages196
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size11 MB
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