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________________ TEDO आचार्य महाप्रज्ञ ने हर एक विषय पर अपनी लेखनी चलाई, विविध विषयों को प्रवचन का आधार बनाया। दस वर्ष की अवस्था में संसार को त्यागने वाला एक धर्मगुरु सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्तर पर आने वाली समस्याओं का सटीक समाधान प्रस्तुत करें तो यह महान आश्चर्य है। यह काम आचार्यश्री महाप्रज्ञ ने अपनी प्रज्ञा जागरण से किया। लोगों के मानस में यह विश्वास जमा हुआ था कि जिस समस्या का समाधान अन्यत्र न मिले वह समाधान आचार्यश्री महाप्रज्ञ के पास अवश्य मिल जायेगा। बड़े-बड़े चिंतक, दार्शनिक, धर्मगुरु एवं राजनीतिज्ञ सब इस आशा से उनके पास आते थे कि आचार्यश्री महाप्रज्ञ एक ऐसे शख्स हैं, महापुरुष हैं जो सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शन कर सकते हैं। आचार्य महाप्रज्ञ की प्रस्तुत पुस्तक "जो सहता है, वही रहता है" युवा पीढी को नई दिशा देने वाले सूत्रों को संजोये हुए है। ये सूत्र युवाओं के जीवन-निर्माण में चमत्कारिक ढंग से कार्य करेंगे। जिससे युवा जोश के साथ होश को कायम रख सकेंगे और अपने सोचने के तरीके को सम्यक बना सकेंगे। ISBN 8171951604 माचरण सावज्जा पमाक्खा MI लाडनूं Jain Educo ernational For Private & Personal Use Only 19117881711951604 wam Rs100/
SR No.003054
Book TitleJo Sahta Hai Wahi Rahita Hai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages196
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size11 MB
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