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___ जो सहता है, वही रहता है एक गाँव में कुम्हार के घर पर ठहरे। कुम्हार को उनकी गरीबी पर दया आ गई। कुम्हार ने कहा, 'हमारे यहाँ एक रोहणाचल पर्वत है, वहाँ जाकर कोई व्यक्ति सिर पर हाथ रखकर, दीन स्वर में 'हा देव, हा देव' कहता है और उस पर्वत पर कुदाली की चोट करता है, तो मालामाल हो जाता है।' मित्र भट्टमात्र ने सोचा कि विक्रमादित्य ऐसा करे, यह लगता नहीं है। उसने एक योजना बनाई। वह विक्रमादित्य से थोड़ा पीछे रह गया। जब विक्रमादित्य पर्वत के पास पहुँचे तो मित्र ने कहा, 'विक्रम! तुम्हारी माँ का देहान्त हो गया है।' विक्रमादित्य ने सिर पर हाथ रखकर कहा, 'हा देव, हा देव।' यह कहते हुए उन्होंने कुदाली पत्थर पर गिरा दी। पत्थर टूट गया। पत्थर टूटते ही एक रत्न निकला। विक्रमादित्य यह देखकर स्तब्ध रह गए। भट्टमात्र से रत्न की प्राप्ति का रहस्य सुनकर विक्रमादित्य ने तत्काल वह रत्न जंगल में ऐसे फेंक दिया, मानो कुछ मिला ही नहीं था। विक्रमादित्य ने भट्टमात्र से कहा, 'विक्रम गरीब रह सकता है, कभी दीन नहीं बन
सकता।' संकल्प से शक्ति का अनुभव
जिस व्यक्ति में यह पराक्रम होता है, वह हर किसी बात को जैसे-तैसे स्वीकार नहीं करता। हम दरवाजे को हमेशा खुला न रखें। हर किसी को प्रवेश न दें, अपने आप शक्ति का स्रोत उपलब्ध हो जाएगा।
महावीर ने केवल यही नहीं कहा कि निर्ग्रन्थ वह होता है, जो अनुकूलप्रतिकूल बात को सहन करता है, किन्तु सहन करने के लिए जो शक्ति का स्रोत चाहिए, उसकी प्राप्ति के सूत्र भी बतलाए । जब आत्मा के अंदर से शक्ति का स्रोत फूट जाता है, एकाग्रता और संकल्प की शक्ति जाग जाती है, तब आदमी सचमुच अपनी अनंत शक्ति का अनुभव करने लग जाता है, उसमें सहन करने की शक्ति प्रस्फुटित हो जाती है। सहनशीलता हो व्यक्ति की पहचान ___ यदि व्यक्ति सहन करना सीख जाए, तो प्रतिकूल परिस्थितियाँ भी अनुकूल हो जाती हैं। थोड़ी समस्या आए, कठिनाई आए और व्यक्ति इस भाषा में बोल जाए–'मैं अब काम नहीं करूंगा। मैं ऐसी स्थिति में काम कर ही
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