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________________ १७१ लेश्या और रंग भी बदल जाता है। कभी कभी क्रूर आदमी का हृदय भी पसीज जाता है। ऐसे व्यक्ति, जिन्होंने कभी हिन्दुस्तान न छोड़ने की बात कही थी, जो हिन्दुस्तान को छोड़ना नहीं चाहते थे, वे भी पसीज गए, हिन्दुस्तान स्वतंत्र हो गया । जब बड़ी घटना घटती है, लेश्या बदल जाती है, स्थिति में बदलाव आ जाता है। राजपुरोहित ने सोचा-ऐसे काम नहीं होगा। उसमें आत्मोत्सर्ग का भाव प्रबल बन गया यदि आप मारना ही चाहते हैं तो मुझे मार दें। यदि मारने से ही संतोष मिले तो मैं आपके सामने प्रस्तुत हूं। इतना कहने पर भी राजकुमारों का रोष शान्त नहीं हुआ। राजपुरोहित एक कदम आगे बढ़ा-उसने कटार निकाली और अपनी छाती में भौंक ली। राजपुरोहित का बलिदान देखकर दोनों कुमार स्तब्ध रह गए । महाराणा प्रताप और शक्तिसिंह का हृदय बदल गया, दोनों भाई शान्त हो गए। अपेक्षित है प्रयोग एक घटना का इतना प्रभाव होता है कि व्यक्ति बदल जाता है। किसी बड़े परिवर्तन के लिए बड़ी घटना का होना जरूरी है, बड़े त्याग या बलिदान का होना जरूरी है। लेश्या का परिवर्तन भी कुछ ऐसे ही होता है। बड़ी बात या बड़ी घटना सामने आती है, आदमी बदल जाता है, कृष्ण लेश्या शुक्ल लेश्या में परिणत हो जाती है। लेश्या बदली, भाव बदला और आदमी बदल गया। लेश्या नहीं बदली तो कुछ भी नहीं बदला। रंगों के द्वारा लेश्या का परिवर्तन होता है। यह बात सिद्धान्ततः ठीक है, किन्तु केवल सिद्धान्त से नहीं, प्रयोग से परिणाम आता है। हम परिवर्तन के लिए इसका प्रयोग करें, यह अपेक्षित है। तात्पर्य वैदिक संध्या का एक योगी ने लिखा-जो व्यक्ति वैदिक संध्या की ठीक से उपासना करता है, वह शरीर और मन दोनों से स्वस्थ रहेगा। वैदिक संध्या में तीन रंगों का विधान है-लाल, नीला और सफेद । ब्रह्मा, विष्णु और महेश-इनके ये तीन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003053
Book TitleApna Darpan Apna Bimb
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages258
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, Spiritual, & Discourse
File Size9 MB
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