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________________ लेश्या : पौद्गलिक है या चैतसिक १५७ लाल है। जहां लाल रंग की अधिकता होगी वहां उदंडत और उच्छृखलता की वृत्ति प्रबल बनेगी। रंग बदला : स्वभाव बदला __ रंग-वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया, इस रंग को बदला जाए, हरा, गुलाबी या नीला रंग कर दिया जाए। स्कूल के अधिकारियों को उनका सुझाव उपयुक्त लगा। कमरों के रंग बदल दिए गए। कालीन और पर्दे बदल दिए गए। खिड़कियों के शीशे और दरवाजों के रंग में भी परिवर्तन कर दिया गया। कुछ दिन बीते, विद्यार्थियों के स्वभाव में परिवर्तन आना शुरू हो गया। उनकी उदंडता कम " हो गई । बच्चे शान्त और शालीन बनते चले गए । अधिकारियों एवं चिकित्सकों की समस्या को समाधान मिल गया। रंग का महत्त्व यह देखना बहुत महत्त्वपूर्ण है कि मकान का रंग कौन सा है? छत का रंग कौन-सा है? यदि इन सबका रंग लाल है तो गुस्सा न आने वाले व्यक्ति को भी गुस्सा आने लग जाएगा। लड़ाई-झगड़ें कम होते हैं तो ज्यादा होने लग जाएंगे। जहां मजदूरों का संबंध है, श्रमयुक्त कार्य करना है वहां लाल रंग उपयोगी होता है। जहां ज्यादा भार उठाना है, सामान से भरी बोरियों को उठाना है वहां लाल रंग का मूल्य है। यदि मकान का रंग लाल है, दुकान और गोदाम का रंग लाल है तो मजदूर ज्यादा भार को भी आसानी से उठा लेंगे। उनकी भार उठाने की क्षमता बढ जाएगी। यदि उनका रंग नीला है तो मजदूर सुस्त बन जाएंगे, थोड़ा भार उठाने में भी उन्हें परेशानी होगी। उनकी भार उठाने की क्षमता कम हो जाएगी। ___यह लेश्या का सिद्धान्त जीवन से जुड़ा हुआ सिद्धान्त है। हमारे जीवन की सफलता या असफलता में यह बहुत बड़ा कारक तत्त्व है। हम इसे समझ कर अपने जीवन को सफलता की दिशा में ले जा सकते हैं, अपने व्यक्तित्व Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003053
Book TitleApna Darpan Apna Bimb
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages258
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, Spiritual, & Discourse
File Size9 MB
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