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'पांच लाख मिल जाएं तो ?' 'उसमें भी आधा आपका, ढाई लाख आपको दे दूंगा ।' ढाई लाख मेरा ?
मेरा कहते ही आंखें फटी की फटी रह गई । डाक्टर का हार्ट फेल हो चुका था ।
बढने का अर्थ
यह आवेश की तीव्रता दिल और दिमाग पर सीधा असर डालती है। अध्यवसाय की तीव्रता आयु को क्षीण करती है | अभिवादन करने से आयु बढती है, इसका कारण स्पष्ट है- जो व्यक्ति विनम्र है, अभिवादन करता है, उसके अहं का अध्यवसाय तीव्र नहीं होता । जिसके कषाय शान्त होते हैं, अध्यवसाय की पवित्रता रहती है, सचमुच उसका आयुष्य बढ़ जाता है । बढ़े भले ही नहीं, कम नहीं होता है, टूटता नहीं है । बढ़ने के दो अर्थ हैं इस सन्दर्भ में । एक अर्थ है- सीमा के आगे बढ़ जाना । लेकिन यह संभव नहीं है । यह बात शास्त्र और विज्ञान की दृष्टि से भी संभव नहीं है । आयु जितनी है, उससे ज्यादा बढ़ नहीं सकती । यदि घटे नहीं तो इसका तात्पर्य यही है कि बढ़ गई।
पं० रविशंकर का कथन
पं० रविशंकर महाराज गुजरात के बड़े प्रतिष्ठित व्यक्ति थे । बिहार प्रदेश में भीषण अकाल पड़ा । सर्वोदय कार्यकर्ताओं के साथ वे वहां गए । राज्य कर्मचारियों ने उनसे निवेदन किया- महाराज ! सरकार से सिफारिश करके हमारा वेतन आप बढ़वा दें। रविशंकर महाराज ने कहा- 'ठीक है, मैं सरकार से कहंगा, किन्तु आप चाहें तो सौ रुपए तक तो मैं ही बढ़ा सकता हूं।' लोग आश्चर्य चकित थे । उन्होंने पूछा- 'यह कैसे हो सकता है ? आप तो यहां शासन में भी नहीं हैं ।' रविशंकरजी ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए पूछा- 'तुम लोग सिगरेट पीते हो ?' लोगों ने स्वीकृति सूचक सिर हिलाया । कुछ लोगों ने शराब पीने की बात भी स्वीकार की । रविशंकरजी बोले
वंदना
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