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साध्वाचार के सूत्र
उत्तर - पांच इन्द्रियों से सम्पन्न मनुष्य साधु बन सकता है। (बहरा, गूंगा, लंगड़ा, अचक्षु, रोगी आदि साधु नहीं बन सकते ।)
प्रश्न २८७. क्या अभवी जीव साधु बन सकता है ?
उत्तर- नहीं, अभवी जीव द्रव्य साधु वेश धारण कर सकता है।
प्रश्न २८८. अभवी जीव साधु वेश में क्रिया करके कौनसे देवलोक तक जा सकता है ?
उत्तर- नौ ग्रैवेयक तक ।
प्रश्न २८६. कम से कम कितनी उम्र वाला साधु बन सकता है ? उत्तर- सवा आठ वर्ष (गर्भ सहित नौ वर्ष से कुछ कम) की उम्र वाला । प्रश्न २६०. साधुत्व किस कर्म के क्षयोपशम से प्राप्त होता है ? उत्तर - साधुपन चारित्र मोहनीय कर्म के क्षयोपशम से प्राप्त होता है।
प्रश्न २६१. 'णमो लोए सव्वसाहूणं' पद का ध्यान किस रंग के साथ व कौन से केन्द्र पर किया जाता है ?
उत्तर - काले रंग के साथ तैजस केन्द्र पर किया जाता है।
प्रश्न २९२. क्या साधु रात्रि में खुले आकाश के नीचे सो सकते हैं ? घूम फिर सकते हैं ? उत्तर - नहीं। रहती है ।
क्योंकि अप्काय (ओस) के जीवों की हिंसा होने की संभावना
प्रश्न २६३. रत्नाधिक किसे कहते हैं ?
उत्तर - दीक्षा पर्याय में जो बड़ा होता है उसे रत्नाधिक कहते हैं ।
प्रश्न २६४. साधु के कुछ पर्यायवाची नाम बताइए ?
उत्तर - साधु, मुनि, अणगार, निर्ग्रथ, महाव्रतधारी, भिक्षु, श्रमण, ऋषि, आदि ।
प्रश्न २६५. साधु के कितने कोटि से त्याग होता है ? उत्तर- नौ कोटि से ।
प्रश्न २६६. साधु की दिनचर्या का पहला अंग क्या है ? उत्तर - अपररात्री में उठकर आत्मालोचना व धर्म जागरिका करना । ' प्रश्न २६६. साधु के अवश्य करणीय कर्म कौन-कौन से हैं? उत्तर - सामायिक- समभाव का अभ्यास, उसकी प्रतिज्ञा का पुनरावर्तन | १. जैन दर्शन : मनन मीमांसा, ३०
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तपस्वी
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