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विद्वानों की दृष्टि में आचार्य महाप्रज्ञ
आज इन (आचार्य महाप्रज्ञ) के भीतर से जो ऊर्जा निकल रही है, उससे हज़ार गुना अधिक निकलेगी और वह विश्व के लिए बहुत हितकारी बनेगी।
-गणाधिपति तुलसी __मुनिश्री नथमलजी (आचार्य महाप्रज्ञ) इस समय भारत के ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण विश्व के शीर्षस्थ दार्शनिकों में से एक हैं। मैं उन्हें जैन न्याय के क्षेत्र का राधाकृष्णन् मानता हूं।
-आचार्य विद्यानंद आचार्य तुलसी ने जैन समाज को जो दिया है, उससे भी अधिक केवल जैन समाज को ही नहीं, समग्र भारतीय समाज को ये मुनि नथमलजी (आचार्य महाप्रज्ञ) आचार्य बन कर देंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है। -पं. दलसुख मालवणिया
महाप्रज्ञ जी अगाध ज्ञानी हैं और साथ ही उनका ज्ञान उनके जीवन में । घुलमिल गया है। उनका मन सरल एवं निर्मल है। सबसे बड़ी बात है, बुद्धि का उनके मन पर कोई भार नहीं है।
-जैनेन्द्र कुमार ___यदि महाप्रज्ञ के साहित्य को कुछ वर्ष पूर्व पढ़ने का सौभाग्य मिलता तो मेरे उपन्यास की धारा और दिशा दूसरी होती। -विमल मित्र
महाप्रज्ञजी ने स्वच्छ संवेदनशील चित्त से प्राकृतिक आचारों को देखा है और उसे बहुमूल्य निष्कर्षों तक पहुंचाया है। -हजारीप्रसाद द्विवेदी मौन हो गए ग्रंथ जहां पर तुमने दी फिर वाणी। गूंजेगी वह दिदिगंत में बन कर के कल्याणी।। -कन्हैयालाल फूलफगर ___आप (आचार्य महाप्रज्ञ) आज के विवेकानन्द हैं। आपको पाकर हम गौरवान्वित हैं | आपकी तीक्ष्ण, और ठेठ तक पहुँचने वाली बुद्धि से हम परिचित
-रामधारीसिह दिनकर आचार्य श्री महाप्रज्ञ हमारे समय के एक ऋषि हैं, स्थितप्रज्ञ हैं... इसमें कोई सन्देह नहीं... आचार्य महाप्रज्ञ की प्रतिभा रश्मिरथी है। -डॉ० लक्ष्मीमल्ल सिंघवी –'महाप्रज्ञ का रचना-संसार' (सम्पादक श्री कन्हैयालाल फूलफगर) से साभार उद्धृत
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