________________
अष्टम अध्याय
रंगध्यान और लेश्या ध्यान और लेश्या ___ ध्यान और लेश्या में गहरा संबंध है। जब आर्तध्यान और रौद्रध्यान होता है तो अशुभ लेश्या जागती है। आभामण्डल विकृत होता है। धर्मध्यान और शुक्लध्यान होता है, तब लेश्या शुद्ध, आभामण्डल स्वस्थ और निर्मल बन जाता है। इसीलिये बुरी आदतें, बुरे विचार/ चिन्तन अशुभ लेश्या में जागते हैं जबकि अच्छी आदतें, स्वस्थ चिन्तन, प्रेरककर्म शुभलेश्या के समय ही सम्भव हैं । व्यक्तित्व परिष्कार का महत्त्वपूर्ण सूत्र है - लेश्या का विशुद्धीकरण। इस प्रक्रिया में कर्मशास्त्रीय दृष्टिकोण भी एक महत्त्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत करता है। ___ कर्मशास्त्र के अनुसार अशुभ भावों के साथ होने वाला कर्मबन्ध का संचय कषायों को प्रबल बना देता है। जब कर्म का विपाक होता है यानी अशुभ कर्मों के फल भोगने का क्षण आता है, उस समय कषाय के तीव्र स्पन्दन अध्यवसायों को, लेश्या को अशुद्ध करते हुए अन्तःस्रावी ग्रंथियों के माध्यम से वृत्तियों और वासनाओं को प्रकट करते हैं। उस समय प्राणी के विपाक तीव्र होते हैं। आत्मपरिणाम संक्लिष्ट होते हैं। फलत: व्यक्ति का बाहरी व्यक्तित्व भी अशुभ बन जाता है। __लेश्याध्यान/रंगध्यान इसी कर्म विपाक की परम्परा को बदलने का एक महत्त्वपूर्ण उपाय है, क्योंकि जिस समय भीतरी स्पन्दन और रसायन कषायों के तीव्र विपाक बाहर लेकर आ रहे होते हैं, उसी समय प्रशस्त लाल, पीले और श्वेत रंग के ध्यान द्वारा ऐसे शुभ/प्रशस्त स्पन्दन और रसायन पैदा किए जा सकते हैं, जिनसे तीव्र विपाक के प्रकम्पन बदल जाते हैं, रसायन मन्द हो जाते हैं और सामर्थ्य क्षीण तथा परिणाम विफल हो जाता है। इस दृष्टि से लेश्या ध्यान अथवा चैतन्य केन्द्रों पर रंगों का ध्यान आत्मविकास में महत्त्वपूर्ण समझा गया है। ___चैतन्यकेन्द्रों पर रंगध्यान की परम्परा आभामण्डल को शुद्ध और निर्मल बनाने की आध्यात्मिक चिकित्सा है। चिकित्सा केवल शरीर की ही नहीं होती, मन की भी होती है। भगवान महावीर ने कैवल्य प्राप्ति से पूर्व क्रोध, मान, माया, लोभ जैसी आध्यात्मिक बीमारियों की चिकित्सा की।' आज चिकित्सा विज्ञान के शोधपरक निष्कर्षों ने भी यह तथ्य प्रस्तुत किया है कि शारीरिक बीमारी का मूल कारण मानसिक तनाव है। एलेक्स जोन्स (Alex Jones) लिखते हैं कि हमारे जितने भी निषेधात्मक विचार/चिन्तन, संवेग और कार्य हैं, उन सभी की अन्तिम परिणति शारीरिक समस्याएं हैं। 1. सूत्रकृतांग 1/6/26 2. Alex Jones, Seven Mansions of Colour, p. 123
Jain Education Intemational
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org