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________________ लेश्या और आभामण्डल 121 गर्व संक्षेप में सूक्ष्म शरीर के रंगों को पांच विभागों में बांटा जा सकता है :1. हल्का चमकीला नीला रंग उच्चतम आध्यात्मिकता बैंगनी रंग त्याग और प्रेम आसमानी रंग त्याग और उच्च विचार गहरा चमकीला नीला रंग धार्मिक प्रवृत्ति स्लेटी नीला रंग स्वार्थपरक धार्मिकता 2. नीला हरा भय मिश्रित धार्मिकता पीला उच्च बुद्धिमत्ता सुनहरी श्रेष्ठ बुद्धिमत्ता स्लेटी पीला निम्न बुद्धिमत्ता नारंगी 3. हरा सहानुभूति हल्का बैंगनी मानवीय प्रेम गुलाबी नि:स्वार्थ लगाव कालिमायुक्त गुलाबी स्वार्थ किरमिची आत्मकेन्द्रित 4. पन्ना हरा आत्मगोपन की प्रवृत्ति गहन लाल से सहसा प्रकट होने वाला ब्राउन रंग ईर्ष्या स्लेटी हरा धूर्तता नीलिमायुक्त स्लेटी भय गहन स्लेटी शक्तिहीनता 5. कालिमायुक्त गहन पीला स्वार्थपरता स्लेटी लाल लोभ कालिमायुक्त लाल ऐन्द्रियक सुखों की लालसा काला द्वेषपूर्ण भावना आभामण्डल में होने वाले रंगों की गुणात्मक व्याख्या में ऑडरे कारगेरे (Audrey Kargere) लिखते हैं कि ओरा में होने वाला रंग मित्रता, प्रेम, स्वस्थता और शक्ति का; सुनहरा पीला उच्च प्रज्ञा का; नीला आध्यात्मिक और धार्मिक मनोवृत्ति का; नारंगी बुद्धि और न्याय का; हरा सहानुभूति, परोपकारिता, दयालुता का प्रतीक होता है। इसी तरह आभामण्डल में उभरने वाला स्लेटी भय और ईर्ष्या का, काला अभाव का तथा सफेद रंग आध्यात्मिक पूर्णता का सूचक होता है। __ ऑडरे कारगेरे ने भी फेबर बिरेन को उद्धृत करते हुए आभामण्डल के आधार पर व्यक्तित्व के तीन स्तर प्रस्तुत किए हैं - Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only - www.jainelibrary.org
SR No.003048
Book TitleLeshya aur Manovigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShanta Jain
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages240
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size11 MB
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