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सामायिक : शांतिपूर्ण जीवन का सूत्र
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खो दिया है । जीवन के सारे बोझ को मात्र एक पलड़े में डाल दिया है । अध्यात्म की साधना को बिल्कुल भुला सा दिया है। आज व्यावहारिक जीवन में समता का सूत्र नहीं मिलता । उसमें मिलता है स्पर्धा का सूत्र । प्रत्येक व्यक्ति सोचता है, वह इतना करे तो हम इतना करें । प्रत्येक क्षेत्र में कदमकदम पर स्पर्धा चलती है ।
समता का सूत्र अध्यात्म का सूत्र है । सामायिक की साधना में इन बातों पर ध्यान केन्द्रित होना आवश्यक है
• उच्चारण शुद्ध हो ।
• सामायिक का अर्थ ज्ञात हो ।
• यह अनुप्रेक्षा होनी चाहिए - मैं समता के किन सूत्रों की साधना कर रहा हूं । किन सावद्य योगों को मैं छोड़ रहा हूं और किन निरवद्य योगों की प्राप्ति की चेष्टा कर रहा हूं ।
अनुप्रेक्षा का यह विवेक सामायिक के साथ जुड़ जाए तो सारे व्रत स्वयमेव सध जाएं | यदि यह पूछा जाए - एक शब्द में भगवान् महावीर का धर्म क्या है तो इसका उत्तर होगा- सामायिक । इतने महत्त्वपूर्ण अनुष्ठान की साधना पहली आवश्यकता है। इसे अपना कर अपने जीवन को सार्थक और सफल बनाया जा सकता है ।
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