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मानसिक स्वास्थ्य और सामायिक
१०५ नहीं चाहता । अमेरिका का नागरिक सद्व्यवहार करे और अमेरिका का राष्ट्रपति तुच्छ व्यवहार करे, यह कैसे हो सकता है ? राष्ट्रपति का जो पद है, दायित्व है, उसकी गरिमा है, उसको देखते हुए यह आवश्यक है कि वह अपने विनम्र व्यहार को न छोड़े ।'
मानसिक स्वास्थ्य की एक कसौटी है व्यवहार । जो व्यक्ति मन से स्वस्थ होता है, वह अच्छा व्यवहार करने वाले के प्रति अच्छा व्यवहार करता है
और उस व्यक्ति के प्रति भी अच्छा व्यवहार करता है, जो प्रतिकूल व्यवहार करता है । अच्छे के प्रति अच्छा और बुरे के प्रति भी अच्छा | वह ऐसा इसलिए करता है कि यदि सामने वाला व्यक्ति मानसिक दृष्टि से अस्वस्थ है तो क्या वह भी अस्वस्थ हो जाए ? वमन करने वाले को देखकर क्या स्वयं भी वमन करने लग जाए ? मन की स्वस्थता रखने वाला व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता । प्रतिकूल व्यवहार वही व्यक्ति करता है जो मन से दुर्बल है, मन से अस्वस्थ है । जिन व्यक्तियों ने इन सूत्रों का विकास किया- 'शठे शाठ्यं समाचरेत्', ईंट का जवाब पत्थर से'-वे व्यक्ति वास्तव में ही मन से रोगी थे । यदि वे स्वस्थ होते तो इस प्रकार के सूत्रों का प्रतिपादन नहीं होता । आवश्यकता यह है कि सामने वाला व्यक्ति यदि मन से दुर्बल है, अस्वस्थ है तो तुम अपने मानसिक स्वास्थ्य का परिचय दो और उसे यह समझने का अवसर दो कि तुम मन से रुग्ण नहीं हो, मन से स्वस्थ हो । विचार ___मानसिक स्वास्थ्य का तीसरा पेरामीटर है-विचार )मानसिक अशांति का बहुत बड़ा कारण यह है कि व्यक्ति विचार करना नहीं जानता । आदमी सोचने कुछ बैठता है और सोच कुछ और लेता है । आदमी जानता ही नहीं कि कैसे सोचना चाहिए, कैसे चिन्तन करना चाहिए? मनुष्य का सारा जीवन विचार द्वारा संचालित होता है | सारा जीवन कार्य-कलाप विचार के द्वारा निर्धारित होता है ? किन्तु यह वह नहीं जानता कि कैसे सोचना चाहिए, कैसे चिन्तन करना चाहिए ? सोचते समय मनुष्य के सामने अनेक तर्क प्रस्तुत होते हैं और वह अपने सोचने के मार्ग से भटक जाता है | विचार के द्वारा
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