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वंदना
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२.
हत्थीसु एरावणमाहुणाते, सीहो मिगाणंसलिलाणगंगा। पक्खीसु या गरुले वेणुदेवे, णिव्वाणवादीणिह णायपुत्ते।' जैसे-हाथियों में ऐरावत,
पशुओं में सिंह, नदियों में गंगा, पक्षियों में वेणुदेव गरुड़ श्रेष्ठ हैं,
वैसे ही निर्वाणवादियों में महावीर श्रेष्ठ हैं। जोहेसु णाए जह वीससेणे, पुष्फेसुवा जह अरविंदमाहु। खत्तीण सेढे जह दंतवक्के, इसीण सेढे तह वद्धमाणे॥' जैसे-योद्धाओं में वासुदेव,
पुष्पों में अरविन्द, क्षत्रियों में दंतवाक्य श्रेष्ठ हैं।
वैसे ही ऋषियों में महावीर श्रेष्ठ हैं। ३. थणितं व सहाण अणुत्तरं उ, चंदे व ताराण महाणुभावे।
गंधेसु वा चंदणमाहु सेठें, एवं मुणीण अपडिण्णमाहु।' जैसे-शब्दों में मेघ का गर्जन,
ताराओं में चन्द्रमा, गंध वस्तुओं में चन्दन श्रेष्ठ हैं,
वैसे ही मुनियों में महावीर श्रेष्ठ हैं। ४. जहा सयंभूउदहीण सेठे,णागेसुवाधरणिंदमाहु सेठें।
खोओदए वारस वेजयंते, तहोवहाणे मुणि वेजयंते॥ जैसे - समुद्रों में स्वयम्भू,
नागदेवों में धरणेन्द्र, रसों में इक्षु रस श्रेष्ठ है, वैसे ही तपस्वियों में महावीर श्रेष्ठ हैं।
१. सूयगडो : १।६।२१ वंदनाकार सुधर्मा (भगवान् के सहचारी) ३. सूयगडो : १।६।१९ । २. सूयगडो:१।६।२२ ।
४. सयगडो:१।६।२० ।
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