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चक्षुदान / १८३
दिशा से आया हूं या विदिशा से? ऊपर से आया हूं या नीचें से? भगवान् ने मुझे ढकेला अतीत के गहरे में, मैं देख आया हूं, मेरा पहला पड़ाव। भंते! वह द्वार भी खोल दो, मैं देख आऊं मेरा अगला पड़ाव।
१. आयारो,१।१-३
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