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________________ ; ६३ : सम्पादक पू. पन्थासप्रवरश्रीना १८ चातुर्मासनी नोंध अने ते पैकी मुंबइनुं चातुर्मास वि. सं. १९९७ थी २००१ वीलापार्ला सुधीना पांच वर्षना पांच चातुर्मासनी नोंध संक्षिप्तरूपे आलेखन करीने अत्र समाप्त करवामां आवी छे. आ ग्रन्थ प्रकाशननो प्रारंभकाळ वि. सं. १९९७ नो छे, अने समाप्तिकाळ वि. सं. २००१ छे. तेथी वि. सं. १९९७ मुंबइनुं चातुर्मास, अने वि. सं. १९९८ अमदाबादनुं चातुर्मास आ बने चातुर्मासनी संक्षिप्त नोंध पं. श्रीहीरसागरजीए, वि. सं. १९९९ खम्भातनुं चातुर्मासनी नोंध मुनि श्री सुबोधसागरजीए अने वि. सं. २०००नुं घाटकोपर तथा २००१ वीलापालना चातुर्मासनी नोंध में लीवेल हती ते अत्र आपवामां आवी छे. ए प्रकाशन साथै सम्पादक पूज्य पन्यासप्रवरश्रीजीनो पुनीत समय शासनहितवर्धक कार्यो माटे व्यतीत थयो छे जाणवामां आवतां वांचकने ऐतिहासिक बीना साथै अनुमोदनानो अतीव लाभ थया वगर रहेतो नथी. उपरना पांचे चातुर्मासनी नोंध संभाळपूर्वक आपवामां आवी छे, छतां शीघ्रतादि कारणोने लइने नोंषमां घणा प्रसंगो रही जाय ते बनवाजोग छे; माटे वांचको आटलेथी संतोष मानवो योग्य छे, एज सुज्ञेषु किं बहुना । लि० प्रातःस्मरणीय पू. आगमोद्धारक - आचार्यदेवेश - श्री आनन्दसागरसूरीश्वरना परमविनेय विद्वान् -शिष्यरत्न-वैयाकरणकेसरि - सिद्धचक्राराधन - तीर्थोद्धारक - पू. पन्यास प्रवर श्री चन्द्रसागरजी गणीन्द्र - चरणारविन्द चञ्चरीकः - Jain Education International चन्द्रकान्तसागरः For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003041
Book TitleSiddha Hemchandra Shabdanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrasagar Gani
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1948
Total Pages396
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size21 MB
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