________________
उपदेश आपीने श्रीसिद्धचक्र आराधक समाज पासेथी रु. ६०००) छ हजार जीर्णोद्धार खातामां अपाव्या । तथा अखिल भा. व. त. सहायक समिति पासेथी आयंबील खातामां रु. ६०००) छ हजार उपरांत अपाव्या। ४७६) सि. हे. श, प्रथम भागनी १९ नकल योग्य स्थाने भेट आपवा माटे रु. २७५) एक
सखी गृहस्थे, अने २०१) रु. मणिलाल भाखरियाए मळीने कूल रु. ४७६) चारसो ने छोतेर आपीने तेओए पुण्य हांसल कर्यु ।
पू. आगमोद्धारक गुरुदेवनी आज्ञाथी अने पू. पंन्यासश्रीना परिवारना साधुओ नीचेना स्थलोए चातुर्मास रह्या१-पं. श्रीदेवेन्द्रसागरजी, श्रीज्ञानसागरजी, श्रीप्रवीणसागरजी तथा श्रीदोलतसागरजी ठाणा
४ सान्टाक्रुझ । २-मुनि श्रीहंससागरजी, श्रीमुनीन्द्रसागरजी, श्रीनरेन्द्रसागरजी अने श्रीहिमांशुसागरजी ठाणा
४ वेजलपुर ( गोधरा )। ३-मुनि श्रीधर्मसागरजी, श्रीअभयसागरजी, श्रीशान्तिसागरजी, श्रीकनकसागरजी, श्रीलाव
ण्यसागरजी अने श्रीमनकसागरजी ठाणा ६ ( उदयपुर ) मेवाड । ४-मुनि श्रीदर्शनसागरजी, श्रीन्यायसागरजी अने श्रीजितेन्द्रसागरजी ठाणा ३ उज्जैन (माळवा)। ५-मुनि श्रीसंयमसागरजी अने श्रीअमूल्यसागरजी ठाणा २ रतलाम ( माळवा )।
अन्धेरी उपरांत उपरना पांच स्थळोए चातुर्मास थवाथी ते ते स्थळना संघने शासनप्रभावनाना धार्मिक कार्यों करवानो अनुकूळ प्रसंग मळ्यो।
पूज्य-पंन्यासश्रीना दरेक चातुर्मासमां देवद्रव्यमां थती उपजने प्रायः करीने पूज्यश्रीना उपदेशथी गामडाओमां वहेंची देवामां आवे छे, ते प्रमाणे आ अन्धेरीना चातुर्मासमां थयेकी देवद्रव्यनी उपजमांथी नीचे प्रमाणे मदद नीचे जणावेलां गामोमां आपवामां आवी छे-- १००) करमदीतीर्थ ( रतलाम ) ५००) इडर (गुजरात) १००) बेटमा (होल्कर स्टेट)
१००) सीनोर , १००) बडौद ( मालवा)
१००) पेटलाद , १००) आलोट ( माळवा)
१५०) सांतलपुर ( कच्छ) १००) जलगांव (प० दक्षिण) २००) टमकुर ( मैसुर स्टेट ) १५०) भाइंदर ( ठाणा)
२००) बडोदरा
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org