________________
: १७ . पधार्या, त्यारे मुम्बईथी वापी जइने गोडीजीथी पेढीना ट्रस्टीओ स्व. शेठ नेमचन्द अभयचन्द झवेरी, शेठ भायचन्द नगीनचन्द झवेरी, शेठ बबलचन्द केशवलाल मोदी, शेठ सौभाग्यचन्द उमेदचन्द सोलीसीटर, शेठ दुल्लभदास भावनगरवाळा; अने शेठ पानाचन्द रूपचन्द झवेरीए पूज्य पंन्यासजीने जणान्युं के हालमां मुम्बईनुं वातावरण शान्त थतुं जाय छे, तेमज विजयरामचन्द्रसूरिजी घाटकोपरने पडतुं मूकी लालबाग ज चोमासु करवाना छे माटे अत्रेथी विहार करीने आप पण हवे जलदी मुम्बई पधारो एवी अमारी विनंति छ ।
सं. १९९७ नुं मुम्बईनु चातुर्मास. पू. पन्न्यासजी आदि वापीथी विहार करीने मुम्बई आवता रस्तामां आवता घोलवड, दहाणु वगेरे गामोमां उपदेश आपतां अनुक्रमे श्रीअगाशी पधार्या त्यां मुम्बईना सम्भावित गृहस्थो तरफथी
आंगी-पूजा-भाषना अने स्वामिवात्सल्य थयां हतां । मलाड मुकामे शेठ मगनलाल लालजीभाई हरजीभाईए पोताना चन्द्रनिवास नामना बंगलामां पूज्य पंन्यासजीने उतारो आपीने आंगीपूजा तथा स्वामिवात्सल्यनो लाभ लीधो हतो. अन्धेरीमा प्रवेश महोत्सव अने प्रभावना थयां. सान्ताक्रूजमा शेठ बबलचन्द केशवलाल मोदीए पोताना बंगलामा प्रवेश-प्रभावना अने दर्शनार्थे आवनाराओनी स्वामिभक्तिनो लाभ लीधो हतो. त्यांथी दादर, भायखाला, थईने सेन्डहर्ट रोडना उपाश्रये आववानुं थयु, कारण के सामैयानी शरुआत अहींथी थवानी हती। मुम्बईमां हजी पण हुल्लडनी सर्वथा शान्ति थई न हती छतां पण सामैयामां भाग लेवा श्रावकश्राविकानी भरचक हाजरी थई गई हती। सामैया सहित आगळ चालतां लालबागमांना जैनमन्दिरे दर्शन करीने भूलेश्वर, झवेरी बजार आदि स्थळोए थईने पूज्य पंन्यासजी महाराजादि ९ ठाणाए गोडीजीना उपाश्रयमा प्रवेश कर्यो । प्रवेशनो दिवस आसाड सुद ४ ने शनिवारनो हतो, ते दिवसे अमृतसिद्धियोग, राजयोग अने कुमारयोग होवाथी ए त्रितययोगना प्रभावथी आ ऐतिहासिक-चातुर्मासमां अनिर्वचनीय शुभ कार्यों निर्विघ्ने थई सक्या छ।
पूज्य पंन्यासजी महाराजे पर्वदिवस सिवायना रोजना चालु प्रथम व्याख्यानमां सूत्रकृतांगसूत्रनुं द्वितीय अध्ययन अने भावनाधिकारमा समराइच्चकहा शरू कयो । चातुर्मासमां देव-ज्ञान-साधनादि-द्रव्यनी वृद्धि साथे थयेला शुभकार्योनी
मुख्य-नोंध। श्रीसूत्रकृतांगसूत्र समराइच्चकहा वहोराववानी बोलीना तथा नवकार मंत्र अने अक्षयनिधिना तपमां थयेली उपजना
रु. ३०००) रोजनी गहुँली तथा ज्ञानपूजनना अने आखा चातुर्मासना ज्ञानपूजनना रु. २०००)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org