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________________ : १२: १८ ,, ,, २००१ वीलापार्ला ( अन्धेरी-मुम्बई ) करमचन्द्र जैन पौषधशाळा। वि.सं. १९८४ ना वैशाक वद ६-श्रीतीर्थाधिराजराजेश्वर-श्रीआदिनाथगादीनशीन-दिवसे, प्रातःकाले विजयमुहूत्र्ते, अमदावाद मुकामे झापडानी पोळना श्रीआदीश्वर जैनमन्दिरनी पाछळना उपाश्रयमां प्रातःस्मरणीय-पूज्यपाद-आगमोद्धारक-आचार्य-श्रीआनन्दसागरसूरीश्वरजीना वरदहस्ते दीक्षा थइ. संसारीपणानु नाम पटवा चीमनलाल जेशिंगभाइ हतुं. दीक्षा समये मुनिश्री चन्द्रसागर नाम राखवामां आव्यु, आनन्दमंगळपूर्वक दीक्षा थई; अने जेठ वद ५ ना दिवसे उपस्थापना थइ. त्यारपछी तेओश्रीना वरद हस्ते अनुक्रमे पालीताणामां वि. सं. १९९७ ना मागसर सुद ५ना दिवसे गणिपद, अने मागसर सुद ९ना दिवसे पंन्यास पद समर्पण थयां।। उपरना बधा चातुर्मास सम्बन्धी विगतवार हकीकत अन्य स्थळे विस्तारथी आपवामां श्रावशे. परन्तु आ सि. हे. अवचूर्णि अने श्रीसिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासन जेवा प्रधानतम व्याकरणना संशोधन, सम्पादन, वृत्तिनी रचना, प्रेसमेटरनी तैयारी अने प्रूफसंशोधनादि कार्यों मुम्बई, अमदावाद, खम्भात अने घाटकोपर, अंधेरीना छेल्लां पांच चातुर्मासमां थयेलां छे. उपर जणावेलां सर्व कार्योनी साथे साथे बीजा पण जे जे शासनहितना कार्यों थयां तेनी, अने चालु प्रसंगने संम्बध राखनारी जे कंई शासनहित प्रवृत्ति थई ते बधानी संक्षिप्त नोंध अहीं आपवामां आवे छे; अर्थात् वि. सं. १९९७ ना मुम्बाइ-चातुर्मासथी संक्षिप्त नोंधनी शरुआत कराय छे । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003041
Book TitleSiddha Hemchandra Shabdanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrasagar Gani
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1948
Total Pages396
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size21 MB
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