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। श्रीशंखेश्वरपार्श्वनाथाय नमः ।। आत्म - कगल - वीर - दान - प्रेमसूरीश्च सद्गुरुभ्यो नमः ।
श्री अरुनाचार्यविरचित
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प्रबन्ध चिन्तामणि
संस्कल ग्रन्थ का हिन्दी भाषांतर
अनुवादक पं. हजारीप्रसादजी त्रिवेटी
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श्री जिनशासन भागबना ट्रस्ट
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