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जैनागम विरुद्ध मूर्ति पूजा
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धतिंगो से सावधान रहो
"स्वर्गीय अनुयोगाचार्य पन्यासीजी श्री हितविजयजी महाराज का पट्टधर शिष्य रत्न पन्यासजी हिम्मतविजयजी महाराज का धतिंग।"
ऐसे ठगों से बचो इस लेख में यह बताया गया था कि - चमत्कार की बात बिलकुल झूठ है, रात के समय नीम के झाड़ के नीचे संकेत पूर्वक कुछ मजदूरों को इकट्ठा कर रखा था, उन्हीं से यह पत्थर रखवाया, मजदूरी के एक रुपये के बदले दस रुपये दिये गये। यह दश गुणा चार्ज इस बात को गुप्त रखने के लिए ही दिया गया है। अन्त में लेखक ने यह भी लिखा कि - "अगर आप अब भी इस की सत्यता प्रमाणित नहीं करेंगे तो आपका नाम धतिंग विजय रखा जायगा।"
(देखो जैन ता० ५-१२-३७ पृ० १११६)
अब तीसरी घटना सुनिये (३) ता० २३-१०-३८ को माटुंगा (बम्बई) में यह खबर जोर से फैली की शा० भवानजी भारमल के घर गत रात्रि को एक देव विमान आया, उसमें से एक देव ने पार्श्वनाथ जी की एक मूर्ति लाकर घर के एक कमरे में रख दी और उक्त गृहस्थ की पुत्र वधू ने यह सारी घटना स्वप्न में देखी, जागृत होने पर कमरे में जाकर देखा तो मूर्ति दिखाई दी। “मुम्बई समाचार" जैसे बम्बई के प्रसिद्ध दैनिक पत्र में भी यह खबर स्थान पा गई, श्रद्धालु लोगों के झुंड के झुंड दर्शनार्थ आने लगे और भेटें भी चढ़ने लगी। किन्तु 'जन्म भूमि' नामक बम्बई के दैनिक पत्र ता० २६-१०-३८ में इसका भण्डाफोड़ भी हो गया। इस
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