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थोकडा संग्रह। ५५ छठे बारे में एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट दस सिद्ध होते हैं। . ५६ अवसर्पिणी में एक समय में जघन्य एक,उत्कृष्ट १०८ सिद्ध होते हैं।
५७ उत्सर्पिणी में एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट १०८ सिद्ध होते हैं।
५८ नोतमर्पिणी नो अवसर्पिणी में एक समय में जपन्य एक, उत्कृष्ट १०८ सिद्ध होते हैं। .... ये ५८ बोल अन्तर सहित एक समय में जघन्य, उत्कृष्ट जो सिद्ध होते हैं सो कहे हैं। अब अन्तर रहित पाठ समय तक यदि सिद्ध होवे तो कितने होते हैं ? सो कहते हैं। १पहले समय में जघन्य एक उत्कृष्ट १०८ सिद्ध होते हैं। २ दूसरे " " " " " १०२ " ३ तीसरे , , , , , ६६ " "
४ चौथे , "
"
५ पांचवे , , , , , ७२ " " ६ छठे " " " " ७ सातव, , , , ४८ " " ८पाठवें, , , , , ३२ " " भाठ समय के बाद अन्तर पड़े बिना सिद्ध नहीं होते।
॥ इति सिद्ध द्वार सम्पूर्ण ॥
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