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प्रमाण-नय ।
(६८३)
१० परम-भाव-द्रव्यास्तिक नय-पोयास्तिक नय के ६ भेद-१ द्रव्य २ द्रव्य व्यंजन ३ गुण ४ गुण व्यंजन ५ खभाव ६ विभाव-पोयास्तिक नय । इन दोनों नयों के ७०० भेद हो सक्ते हैं।
नय सात-१ नेगम २ संग्रह ३ व्यवहार ४ ऋजुसूत्र ५ शब्द ६ समभिरूढ ७ एवं भूत नय इनमें से प्रथम ४ नयों को द्रव्यास्तिक, अर्थ तथा क्रिया नय कहते हैं
और अन्तिम तीन को पयोयास्तिक शब्द तथा ज्ञान नय कहते हैं।
१ नैगम नय-जिसका स्वभाव एक नहीं, अनेक मान, उन्मान, प्रमाण से वस्तु माने तीन काल, ४ निक्षेप सामान्य-विशेष आदि माने इसके तीन भेद
(१) अंश-वस्तु के अंश को ग्रहण करके माने जैसे निगोद को सिद्ध समान माने।।
(२) आरोप-भूत, भविष्य और वर्तमान, तीनों कालों को वर्तमान में आरोप करे।
(३) विकल्प-अध्वसाय का उत्पन्न होना एवं ७०० विकल्प हो सकते हैं।
शुद्र नैगम नय और अशुद्ध नैगम एवं दो भेद भी हैं।
२ संग्रह नय-वस्तु की मूल सत्ता को ग्रहण करे जैसे सर्व जीवों को सिद्ध समान जाने, जैसे एगे आया
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