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थोकडा संग्रह।
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लंतकेन्द्र मंडूकामेडक। ५० , ४ ३३ २००००० महा शुक्रेन्द्र अश्व ४० , ४ ३३ १६००००
सहस्नेन्द्र हस्ति ३० , ४ ३३ १२०००० प्राणतेन्द्र सर्प २० , ४ ३३ ८०००० अच्युतेन्द्र गरुड़ १० , ४ ३३ ४००००
१७ अनीका-प्रत्यक इंद्र की अनीका ७-७ प्रकार की है प्रत्येक अनीका में देवता उन इंद्रों के सामानिक से १२७ गुणा होते हैं।
१८ परिषदा द्वार-प्रत्येक इंद्र के तीन २ प्रकार की परिषदा होती हैं। इन्द्र अभ्यन्तर देव मध्यम देव बाह्य प० देव देविये १ १२ हजार १४ हजार १६ हजार शकेन्द्र २ १०, १२, १४ , ७०० ३ ८ . १० , १२ , ६००
५०० ईशानेन्द्र
१००
८०० ८ ५०० १ , २ ,
७०० है २५० ५००
, शेष ८ इन्द्रों के १० १२५
५०० देवियें नहीं १६ देवी द्वार-शकेन्द्र के पाठ अग्रमहिषी देवियें हैं एकेक देवी के १६-१६ हजार देवियों का परिवार है। प्रत्येक देवी १६..१६ हजार वैक्रिय करे इसी प्रकार ईशा. नेन्द्र की भी ८x१६०००-१२८०००x१६०००-२०
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