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थोकढा संग्रह।
ज्योतिषी देव विस्तार ज्योतिकी देव २॥ द्वीप में (चर चलने वाले) और २॥ द्वीप बारह यिर हैं ये पक्की ईट के श्राकारवत हैं सूर्य-सर्य के और चर-चन्द्र के एकेक लाख योजन का अन्तर है चर ज्योतिषी से स्थिा ज्यो० आधी क्रान्ति वलि हैं चन्द्र के साथ अमित्र नक्षत्र और सूर्य के साथ पुष्य नक्षत्र का सदा योग है मानुषो तर पर्वत से आगे
और अलोक से ११११ योजन इस तरफ उसके बीच में स्थिर ज्यो० देव-विमान हैं परिवार चर ज्यो० समान जानना ।
ज्यो० के ३१ द्वार-१ नाम २ वासा ३ राजधानी ४ सभा ५ वर्ण ६ वस्त्र ७ चिन ८ विनान चौड़ाई ६ विमान जाड़ाई १० विमान वाहक ११ मांडला १२ गति १३ ताप क्षेत्र १४ अन्तर १५ संख्या १६ परिवार १७ इन्द्र १८ सामानिक १६ आत्म रक्षक २० परिषदा २१ अनीका २२ देवी २३ गति २४ ऋद्धि २५ वैक्रिय २६ अवधि २७ परिचारण २८ सिद्ध २६ भव ३० अल्प बहुत्व ३१ उत्पन्न द्वार।
१ नाम द्वार-१ चन्द्र २ सूर्य ३ ग्रह ४ नक्षत्र और ५ तारा
२ वासा द्वार-तीछे लोक में समभूमि से ७६०
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