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________________ थोकडा संग्रह। सामानिक देव-(इन्द्र के उमराव समान देव ) चमरेन्द्र ६४०००, बलेन्द्र के ६०००० और शेष १८ इन्द्रों के छः २ हजार सामानि देव: हैं। ११ लोक पाल देव-( कोट वाल समान ) प्रत्येक इन्द्र के चार २ लोक पाल हैं। १२ त्रयस्त्रिंश देव-( राज गुरु समान) प्रत्येक इन्द्र के तेंतीश २ त्रयस्त्रिंश देव हैं। १३ अात्म रक्षक देव-चमरेन्द्र के २५६००० देव, बलेन्द्र के २४०००० देव और शेष इन्द्रों के २४-२४ हजार देव हैं। १४ अनीका द्वार-हाथी, घोड़े, रथ, महेष, पैदल, गंधर्व, नृत्यकार एवं ७ प्रकार की अनीका है प्रत्येक अनीका की देव संख्या-चमरेन्द्र के ८१२८०००, बलेन्द्र के ७६२०००० और १८ इन्द्रों के ३५५६००० देव होते हैं। १५ देवी द्वार-चमरेन्द्र तथा बलेन्द्र की ५.-५ अनमहिषी (पटगनी) हैं प्रत्येक पटरानी के आठ हजार देवियों का परिवार है एकेक देवी आठ हजार चैक्रिय कर अर्थात् ३२ कोड वैक्रिय रूप होते हैं शेष १८ इन्द्रों की ६-६ अग्रमहिषी हैं एकेक के ६..६ हजार देवियों का परिवार है और सर्व ६.६ हजार वक्रिय करे एवं २१ क्रोड ६० लाख वैक्रिय रूप होते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only ___www.jainelibrary.org
SR No.002997
Book TitleJainagama Thoak Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChhaganlal Shastri
PublisherJainoday Pustak Prakashan Samiti Ratlam
Publication Year1935
Total Pages756
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Philosophy
File Size23 MB
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