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( ५२४ )
महा हेमवन्त
निषिध
नीलवन्त
रूपी शिखरी
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चैताढ्य ३४x६ = ३०६ २५ गाउ २५ गाउ १२ || गाउ
वक्षार १६x४=
६४ ५००
५००
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विद्युत्प्रभा गजदंता पर ह मालवंता "9 सुमानस गंधमाल
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मेरु के नंदन वनमें
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देव कुरु उतर कुरु में
चक्रवर्ती के विजय में ३४ "
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८ ८ यो०
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५२५
गजदंता के २ और नंदन वन का १ कूट और १००० यो० ऊंचा, १००० यो० मूल में और ऊंचा ५०० योजन का विस्तार समझना ।
७६ कूट ( १६ वक्षार, ८ उत्तर कुरु ३४ वैताढ्य ) पर जिन गृह हैं ।
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