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थोकडा संग्रह। योजन ऊंचा मूल में ५०० यो. मध्य में ३७५ यो. और ऊपर २५० यो, विस्तार वाला है। अनेक वृक्ष, गुच्छा गुमा, वेली, तृण से शोभित है। विद्याधरों और देवताओं का कीड़ा स्थान है।
२ नन्दन वन-भद्रशाल से ५०० यो, ऊंचे भेरु पर वलयाकार है । ५०० योजन विस्तार है वेदिका वनखण्ड, ४ सिद्धायतन, १६ बावड़ियें, ४ प्रासाद पूर्ववत् हैं। कूट हैं । नन्दन वन कूट, मेरु कूट. निषिध कूट, हेमवन्त कूट, जित कूट, रुचित, सागरचित, वज्र और बल कूट, ८ कूट, ५०० यो. ऊंचे हैं आठों ही पर ? पल्य वाली ८ देवियों के भवन है नाम-मधंकरा, मेधवती, सुभेघा, हेममालिनी, सुवच्छा, वच्छामित्रा, वनसेना, बलहका देवी। बल कूट १००० योजन ऊंचा, मूल में १००० यो. मध्य में ७५० यो. ऊपर ५०० यो. विस्तार है। बल देवता का महल है । शेष भद्रशाल वन समान सुन्दर और विस्तार वाला है।
(३) सुमानस वन-नंदन वन से६२५००यो ऊँचा है ५०० यो० विस्तार वाला मेरु के चारों ओर है । वेदिका वनखएड, १६ वावडियें , ४ सिद्धायतन, शकेन्द्र इशानेन्द्र के महल आदि पूर्ववत है।
४ पांडक वन-सुमानस वन से ३६००० यो ऊंचा मेरु शिखर पर है । ४६४ यो० चूंडी आकार वत् है। मेरु
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