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थोकडा संग्रह।
: लेश्या की स्थिति द्वार:-कृष्ण लेश्या को स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त को उत्कृष्ट ३३ सागरोपम व अन्तर्मुहूर्त आधेक, नील लेश्या की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त की उत्कृष्ट दश सागरोपम और पल का असंख्यातवाँ भाग अधिक । कापोत लेश्या की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त को उत्कृष्ट तीन सागरोपम और पल का असंख्यातवाँ भाग अधिक । तेजो लेश्या की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त की उत्कृष्ट दो सागर और पल का असंख्यातवाँ भाग अधिक, पद्म लेश्या की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त की उत्कृष्ट दश सागरोपम और अन्तहित अधिक । शुक्ल लेश्या की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहते की, उत्कृष्ट ३३ सागरोपम और अन्तमुहूर्त अधिक । एवं समुच्चय लेश्या की स्थिति कही। अब चार गति की लेश्या की स्थितिः-नारकी की लेश्या की स्थिति-कापोत लेश्या की स्थिति जघन्य दश हजार वर्ष की उत्कृष्ट तीन सागरोपम और पल का असं. ख्यातवाँ भाग। नील लेश्या की स्थिति जघन्य तीन सागर
और पल का असंख्यातवाँ भाग उत्कृष्ट दश सागर और पल का असंख्यातवाँ भाग कृष्ण लेश्या की स्थिति जघन्य दश सागर और पल का असंख्यातवाँ भाग उत्कृष्ट तेंतीश सागर और अन्तर्मुहूर्त अधिक । एवं नारकी की लेश्या हुई । मनुष्य तिर्यच की लेश्या की स्थिति:-प्रथम पांच लेश्या की स्थिति जघन्य उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त की।
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