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थोकडा संग्रह।
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अप काय का आयुष्य जघन्य अन्तर मुहूर्त का,उत्कृष्ट सात हजार वर्ष का । जल का संस्थान जल के परपोटे समान । " कुल " सात लाख करोड़ जानना ।
तेजस काय। तेजस काय के २ भेद-१ सूक्ष्म २ बादर । • सूक्ष्मः -सर्व लोक में भरे हुवे हैं। हनने से हनाय नहीं, मारने से मरे नहीं, अग्नि में जले नहीं, जल में डूबे नहीं, आँखो से दीखे नहीं व जिसके दो भाग होवे नहीं, उसे सूक्ष्म तेजस्काय कहते हैं।
बादर-तेजम् काय अढाई द्वीप में भरे हुवे हैं । हनने से हनाय, मारने से मरे, अग्नि में जले, जल में डूबे, आँखो से दीखे व जिस के दो भाग होवे उसे बादर तजस् काय कहते हैं।
बादर अग्नि काय के १४ भेद-१ अङ्गारे की अग्नि २ भोभर ( उष्ण राख ) की अग्नि ३ टुटती ज्वाला की अग्नि ४ अखण्ड ज्वाला की अग्नि ५ निम्बाड़े (कुम्भकार का अलाव-मट्टी) की अग्नि ६ चकमक की अग्नि ७ बिजली की अग्नि ८ तारा की अग्नि ६ अरणी (काष्ट ) की अग्नि १० बांस की अग्नि ११ अन्य काष्टादि के घर्षण स उत्पन्न होने वाली अग्नि १२ सूर्यकान्त (आई गलास)
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