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बड़ा बांसठीया |
( ३१६ )
वेद में जीव का भेद १- संज्ञी का पर्याप्त, गुणस्थानक ६ नववें से चौदहवें तक, योग ११-४ मन के ४ वचन के २ औदारिक के, १ कार्मण; उपयोग ६-पांव ज्ञान का और ४ दर्शन का लेश्या १ शुक्ल ।
सवेद प्रमुख पांच बोल में रहे हुवे जीवों का अल्प बहुत्व |
१ सर्व से कम पुरुष वेदी २ इस से स्त्री वेदी संख्यात गुणा ३ इससे अवेदी अनन्त गुणा इस से नपुंसक वेदी अनन्त गुण ५ इस से संबंदी विशेषाधिक |
७ कषाय द्वार
१ सकषाय में - जीव के मेद १४, गुण स्थानक १० प्रथम योग १५, उपयोग १० केवल के दो छोड़ कर, लेश्या ६ ।
२- ३-४ क्रोध, मान, और माया कषाय में जीव के भेद १४, गुणस्थानक ६ प्रथम, योग १५ उपयोग १० लेश्या ६ ।
५ लोभ कषाय में- जीव के भेद १४, गुण स्थानक १० योग १५, उपयोग १०, लेश्या ६ ।
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६ अकषाय में जीव का भेद १ संज्ञी का पर्याप्त, गुण स्थानक ४ प्रथम ऊपर के योग ११, ४ मन के ४ वचन के २ औदारिक के १ कार्मण का । उपयोग ६ पांच ज्ञान का और ४ दर्शन का, लेश्या १ शुक्ल |
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