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पांच ज्ञान का विवेचन ।
... नक्षा नं०३ विषय . देव लोक देव लोक देव लोक पहेली से छही ग्रीयवेक ५ अनुत्तर ५-६ . ७-
८ ६,१०,११,१२ ग्रीयवेक ७,८९ विमान जघन्य देखे प्राङ्गुल के प्राङ्गुल के प्राङ्गुल के प्राङ्गुल के प्राङ्गुल के चौदह राज से
अ. भाग अ. भाग अ. भाग अ. भाग अ. भाग कुछ न्यून उत्कृष्ट देखे ती.न. के चोथी न. के पां.न. के नीचे छहीन. के नीचे सातवी न. "
नी.का च. नी. का चर. का चरमान्त का चरमान्त के नीचे का चर. वैमानिक ऊंचा अपने २ विमान की धजा तक देखे । तिर्छ लोक में असंख्यात द्वीप समुद्र देखे । यन्त्र में अधो लोक आश्री कहा है।
॥ इति विषय द्वार सम्पूर्ण ॥ १ अवधिज्ञान प्राभ्यन्तर बाह्य २ अवधि ज्ञान
देश से सर्व से नारकी देवता को होता है . नारकी देवता, तिर्यंच में होता है तिर्यच
होता है मनुष्य में होता है होता है मनुष्य .
होता है होता है १ अवधि ज्ञान प्राभ्यन्तर बाह्म यन्त्र से जानना।२ अवधि ज्ञान देश थकी सर्व थकी यन्त्र से जानना ॥
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