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( २५४ )
थोकडा संग्रह।
AANAAN
दो समय के, तीन समय के, चार समय के यावत् संख्यात समय के या असंख्यात समय के प्रवेश किये हुवे शब्द पुद्गल ग्रहण किये हैं ? गुरु ने जवाब दिया-एक समय के नहीं, दो समय के नहीं तीन-चार यावत संख्यात समय के नहीं परन्तु असंख्यात समय के प्रवेश किये हुवे शब्द पुद्गल ग्रहण किये हैं इस प्रकार गुरु के कहने पर भी शिष्य की समझ में नहीं आया इस पर मल्लक (सरालवा ) का दूसरा दृष्टान्त कहते हैं-कुम्हार के नींभाड़े में से अभी का निकला हुवा कोरा सरावला हो
और उसमें एक जल बिन्दु डाले परन्तु वो जल बिन्दु दिखाई नहीं देवे इस प्रकार दो तीन चार यावत् अनेक जल बिन्दु डालने पर जब तक वो भीजें नहीं वहां तक वो जल बिन्दु दिखाई नहीं देवे परन्तु भीजने के बाद वो जल बिन्दु सरावले में ठहर जाता है ऐसा करते २ वो सरावला प्रथम पाव, आधा करते २ पूर्ण भरजाता है व पश्चात् जल बिन्दु के गिरने से सगवले में से पानी निकलने लग जाता है वैसे ही कान में एक समय का प्रवेश किया हुवा पुद्गल ग्रहण नहीं हो सके, जैसे एक जल बिन्दु सरावले में दिखाई नहीं देवे वैसे ही दो, तीन, चार संख्यात समय के पुद्गल ग्रहण नहीं हो सके, अर्थ को पकड़ सके, समझ सके इसमें असंख्यात समय चाहिये और वो असंख्यात समय के प्रवेश किये हुवे पुद्गल जव
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