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आठ कर्म की प्रकृति |
( १३७ )
(११) रम के पांच भेद :- १तीक्षण २कटुक ३कषायित ४ चार ( खड्डा ) ५ मिष्ट; ५१
(१२) स्पर्श के आठ भेदः --१ लघु २गुरु ३ कर्कश ४ कोमल ५ शीत ६ उष्ण ७ रुक्ष ८ स्निग्ध, ५६ (१३) अगुरु लघु नाम का एक भेद; ६० (१४) उपघात नाम का एक भेद; ६१
(१५) पराघात नाम का एक भेदः ६२ (१६) अणुपूर्वी के चार भेद:- १नरक की अणुपूर्वी २ चिकीपूर्वी ३ मनुष्य की अणुपूर्वी ४ देव की अणु पूर्वी; ६६
(१७) उच्छ्वास नाम का एक भेद; ६७ (१८) उद्यत नाम का एक भदः ६८ (१६) आताप नाम का एक भेद; ६६
(२०) विहाय गति नाम के दो भेदः -- १ प्रशस्त विहाय गति - गन्ध हस्ती के समान शुभ चलने की गति २ अप्र शस्त विहाय गति, ऊँट के समान अशुभ चलने की गति७१
शेष २२ बोल जो रहे उन में से प्रत्येक का एक एक भेद एवं (७१+२२) ६३ प्रकृति ।
नाम कर्म आठ प्रकार से बांधे जिस में शुभ नाम कर्म चार प्रकारे बांधे
१ काया की सरलता - काया के योग अच्छे प्रकार
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